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सेहत से खिलवाड़: बिना वैध डिग्री-डिप्लोमा वाले भी चला रहे एक हजार से अधिक अवैध क्लीनिक

जिम्मेदारों को नहीं दिख रहे हर गली-नुक्कड़ में चल रहे अवैध क्लीनिक पन्ना. मेडिकल से संबंधित बिना अधिकृत डिग्री-डिप्लोमा के जिले में एक हजार लोग निजी क्लीनिक चला रहे हैं। ये लोगों की सेहत और जान दोनों से खिलवाड़ कर रहे हैं। पड़ोसी जिले दमोह, सतना समेत प्रदेशभर में बिना डिग्री-डिप्लोमा के इलाज करने वाले […]

पन्नाMay 02, 2025 / 06:53 pm

Anil singh kushwah

बिना वैध डिग्री-डिप्लोमा वाले भी चला रहे एक हजार से अधिक अवैध क्लीनिक

बिना वैध डिग्री-डिप्लोमा वाले भी चला रहे एक हजार से अधिक अवैध क्लीनिक

जिम्मेदारों को नहीं दिख रहे हर गली-नुक्कड़ में चल रहे अवैध क्लीनिक

पन्ना. मेडिकल से संबंधित बिना अधिकृत डिग्री-डिप्लोमा के जिले में एक हजार लोग निजी क्लीनिक चला रहे हैं। ये लोगों की सेहत और जान दोनों से खिलवाड़ कर रहे हैं। पड़ोसी जिले दमोह, सतना समेत प्रदेशभर में बिना डिग्री-डिप्लोमा के इलाज करने वाले अपंजीकृत चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है, वहीं जिले में हालात जस के तस बने हुए हैं। बिना डिग्री-डिप्लोमा के इलाज कर रहे यह अपंजीकृत चिकित्सक मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इनके गलत इलाज से लोग जान भी गवां रहे हैं पर जिम्मेदार मिलीभगत के चलते चुप्पी साधे हुए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिना डिग्री-डिप्लोमा वाले चिकित्सक
ग्रामीण अंचल शाहनगर, पवई, रैपुरा, सलेहा, गुनौर, देवेंद्रनगर, कल्दा, अजयगढ़, सिमरिया क्षेत्र में सबसे ज्यादा अंपजीकृत चिकित्सक बिना डिग्री-डिप्लोमा क्लीनिक चला रहे हैं। इनमें 60 फीसदी से ज्यादा अंपजीकृत चिकित्सक एक समुदाय विशेष से संबंधित हैं, जो गांव गांव में इलाज के नाम पर अवैध रूप से दुकानें चला रहे हैं। स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों को इसकी जानकारी भी है पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं।
केवल 112 को पंजीयन
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिलेभर में सभी प्रकार की 112 निजी क्लीनिक का पंजीयन है। जबकि हकीकत में जिले में एक हजार से ज्यादा क्लीनिक चलाई जा रही हैं। स्वास्थ्य महकमा अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।
कई गंवा चुके जान
रैपुरा क्षेत्र में प्रकाशरानी आदिवासी निवासी लाखन चौरई की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों ने गलत इलाज से मौत के आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत पुलिस थाना में दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद एफआइआर भी दर्ज की थी। पर कार्रवाई के नाम कागजी कोरम पूरा कर दिया । सलेहा-गुनौर क्षेत्र में कई मरीज इन झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से अपनी जान गवां चुके हैं।
मजबूरी में नीम-हकीमों से करा रहे इलाज
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की भारी कमी है। पीडि़तों को अस्पताल पहुंचने के बाद भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोग मजबूरी में नीम-हकीमों के चंगुल में फंसकर जान जोखिम में डाल रहे हैं। बिना डिग्री-डिप्लोमा गलत इलाज करने से जिले में कई लोगों की जान भी जा चुकी है। निजी क्लीनिक चलाने के लिए स्वास्थ्य महकमे में सिर्फ ११२ लोगों ने पंजीयन कराया है। जबकि करीब एक हजार लोग निजी क्लीनिक चला रहे हैं। इन पर कार्रवाई नहीं होना विभाग पर सवाल खड़े कर रही है।
शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई
जहां से भी शिकायतें आ रही हैं हम नियमित जांच निरीक्षण कर रहे हैं। सभी बीएमओ को भी ऐसे क्लीनिक संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। -डॉ. एसके त्रिपाठी, सीएमएचओ

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