मानसून की मेहरबानी से राजस्थान के पाली जिले के कई बांधों में लगातार पानी की आवक हो रही है। देसूरी का हरिओम सागर व घोड़ाधड़ा बांध ओवरफ्लो हो गए, जबकि जबकि केसूली बांध का जलस्तर साढ़े 9 फीट तक पहुंच गया। हरिओम सागर बांध ने अरावली की पहाड़ियों से लगातार पानी की आवक जारी थी।
इसके चलते 41 फीट की भराव क्षमता वाला हरिओम सागर बांध ओवरफ्लो हो गया। इस बांध का शत प्रतिशत पानी किसानों को फसल सिंचाई के लिए मिलता है। इसी तरह 15 फीट की भराव क्षमता वाला बांध भी आखिरकार छलक पड़ा। इस बांध से किसानों को तीन पाण पानी मिलेगा। साथ ही पेयजल के लिए भी आरक्षित रहेगा।
इन दोनों बांधों के ओवरफ्लो का पानी से केसूली बांध भर जाएगा। ऐसे में केसूली के बांध में भी जल स्तर में बढ़ोतरी होगी। बारिश होने पर केसूली बांध के ओवरफ्लो की प्रबल संभावनाएं है। देसूरी क्षेत्र में अच्छी बारिश के चलते 8 सिंचाई बांध व कई तालाब ओवरफ्लो हो चुके हैं। नदियां निरंतर चल रही है।
उपखंड क्षेत्र के 8 बांध हो चुके ओवरफ्लो
देसूरी उपखंड के सिंचाई जलस्रोत 9 में से 8 बांध क्रमश: राणकपुर-सादडी बांध, राजपुरा, जुना मालारी, काणा, सेली की नाल, मुठाना बांध, हरिओम सागर व घोडाधड़ा बांध ओवरफ्लो हो चुके है। इन पर चादर बह रही है। केसुली बांध का गेज 9.50 फीट पार हुआ, इसकी भराव क्षमता 11 फीट है।
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बांध ओवरफ्लो होने से कृषि कुएं होंगे रिचार्ज
गुड़ा बींजा गांव के पास स्थित गजनेई बांध ओवरफ्लो हो गया। इस बांध की भराव क्षमता दस मीटर है। इस बांध से करीब 24 गांवों में पेयजल आपूर्ति होती है। बांध के ओवरफ्लो होने से 32 पुलिया सुकड़ी नदी में पानी की आवक शुरू होगी। हरियामाली गांव के पास तीन नदियां का संगम होता है।
यह तीनों नदियां 32 पुलिया सुकड़ी नदी में आकर मिलती है। इस नदी का पानी सरदारसमंद बांध में जाता है। जल संसाधन विभाग की कनिष्ठ अभियंता प्रीति जैन ने बताया कि गजनेई बांध की भराव क्षमता दस मीटर है। बांध के भरने से किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। साथ ही किसानों के कृषि कुएं भी रिचार्ज होंगे। बांध के ओवरफ्लो होने से किसानों के चेहरे चमक उठे।
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