आपकी बात : जीएसटी सुधार के तहत केवल 2 स्लैब करने से क्या बदलाव आएंगे?
पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं, प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
जयपुर•Aug 18, 2025 / 06:26 pm•


वर्तमान की जटिलता होगी दूर
जीएसटी सुधार के तहत अब केवल 2 स्लैब अर्थात 5% और 18% निर्धारित करने की बात की जा रही है यानी जीएसटी की वर्तमान जटिलता को काफी हद तक सरल कर दिया जाएगा। जीएसटी सिस्टम की जटिलता के कारण होने वाली राजस्व चोरी रुक जाएगी। अधिकतर वस्तुएं 28% से 18% व 12% से 5% के दायरे में लाने की बात की जा रही है। फलस्वरूप आम आदमी की रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होने से आम आदमी को महंगाई से राहत मिलेगी। साथ ही नशीली व विलासिता की वस्तुएं महंगी होने की संभावना जताई जा रही है।
– चूना राम बेनीवाल, बायतु, बालोतरा
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आसान और समझने में सरल होगा
केंद्र सरकार ने टू टियर जीएसटी सिस्टम का प्रस्ताव दिया है। इसमें एक सामान्य (स्टैंडर्ड) और एक रियायती (मेरिट) स्लैब होगा, साथ ही कुछ चुनिंदा सामानों के लिए विशेष दरें होंगी। टू टियर स्लैब मौजूदा 5%, 12%, 18%, और 28% के स्लैब को बदलेगा। इससे टैक्स सिस्टम आसान और समझने में सरल हो जाएगा। साथ ही इसके खत्म होने से सरकार के पास पैसों की गुंजाइश बढ़ गई है। इससे जीएसटी के तहत टैक्स दरों को सरल और संतुलित करने की आजादी मिली है।
– शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर, राजस्थान
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सिस्टम सरल और पारदर्शी होगा
2 स्लैब वाली जीएसटी व्यवस्था से टैक्स सिस्टम सरल और पारदर्शी होगा, लेकिन इसके लिए सावधानी से स्लैब तय करने होंगे ताकि गरीबों पर बोझ न बढ़े और सरकार का राजस्व भी स्थिर रहे। दुनिया के कई देशों में 1-2 जीएसटी दरें ही होती हैं। अगर हमारा देश भी इसी दिशा में बढ़ता है, तो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग पर अच्छा असर हो सकता है।
– अनुज पारीक, मुंबई
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अनेक दरों से भ्रम बना रहता है
उपभोक्ताओं के मन में भ्रम बना रहता है कि उनके द्वारा खरीदे गए सामान पर न जाने कौनसी दर पर जीएसटी लिया गया है। क्योंकि अनेक दरें याद रखना संभव नहीं होता है। इसलिए 2 स्लैब करने से सहूलियत होगी।
– करुणाकर त्रिपाठी, भोपाल
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दरें सुविधाजनक होने से लाभ
जीएसटी सुधार में 2 स्लैब रखने का प्रस्ताव उत्तम है। इससे सरकार को न केवल राजस्व एकत्र करने में सुविधा होगी बल्कि रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें भी कम होंगी। कर उगाही के सरल नियमों से आम व्यापारी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। समय की मांग यही है कि दरें और नियम जितने सुविधाजनक होंगे, सरकार और आम लोगों को फायदा होगा।
– हरिप्रसाद चौरसिया, देवास (मध्यप्रदेश)
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व्यावहारिक दरों से आमजन को राहत
जीएसटी की दरें पूरी तरह से व्यावहारिक व उपयोगी होगी। खाने-पीने व दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के दाम कम होंगे। आम लोगों को खर्चों में राहत मिलेगी। जरूरत के सारे सामान सस्ते हो जाएंगे। इससे खपत और मांग बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। सबसे मुख्य बात यह है कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन, रिफंड और रिटर्न की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इससे लघु उद्योगों को लाभ मिलेगा। लघु उद्योगों को लाभ होने से इनका कार्य क्षेत्र का विस्तार होगा और बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
– लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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