युद्धविराम का निर्णय देशहित को सोचते हुए ही लिया होगा। यदि दो-तीन दिन अगर युद्धविराम न हुआ होता तो पाकिस्तान वैसे भी घुटने टेकने वाला था। पाकिस्तान ने, जो भारत पर हमले के लिए मेड इन चाइना और तुर्की के ड्रोन और मिसाइल भेजे। उनमें से आधे तो फुस्स हो गए और आधे मार गिराए गए। भारतीय सेना ने न केवल पाकिस्तान, बल्कि तुर्की और चीन का भी घंमड तोड़ दिया, जिनके दिए हथियारों के बल पर पाकिस्तान उछल रहा था। मगर वह भी कबाड़ साबित हुई। दूसरी ओर भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के लगभग सभी एयरबेस को निशाना बनाकर अपना लोहा मनवा लिया। – शक्ति सिंह चौहान, जोधपुर
भारत-पाकिस्तान के युद्ध के बीच सीजफायर सुकून का कार्य है। सीमावर्ती जिलों में युद्ध के दौरान मिसाइल एवं ड्रोन अटैक से आमजन की सांसें थम गई थी। क्योंकि युद्ध कभी सुखद समाचार लेकर नहीं आता है जितना हो सके युद्ध को टालना चाहिए। सीजफायर की सूचना जैसे गर्मी में बारिश की बूंदों की तरह सुकून का काम किया। – महेन्द्र कुमार बोस, बाड़मेर
पहलगाम हमले के जवाबी कार्रवाई के रूप में भारत द्वारा जवाब देना उचित और सराहनीय कदम ही कहा जा सकता है। युद्ध कोई अच्छी बात नहीं है इससे दोनों देशों का नुकसान ही होना था। परंतु भारतीयों को पीओके न हासिल कर पाना हमेशा मलाल ही रहेगा। – आशुतोष मोदी, कोलकाता
हम भारतीय शांति प्रिय हैं, परन्तु पहलगाम हमले का जवाब देना जरूरी था। इसे हमारी सेना ने सही तरीके से अंजाम दिया और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जो की अति आवश्यक था। हमारी सेना ने बहुत समझदारी से फैसले लिए हैं। सीजफायर का फैसला भी सही है, जिसके लिए पूरा भारत उनकी सराहना और उन पर गर्व करता है। – अंजलि सुन्द्रियाल, उत्तराखंड