त्योहारों के समय सार्वजनिक परिवहन की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार को फेस्टिवल ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान पहले से तैयार रखना चाहिए, जिसमें भीड़-भाड़ वाले रूटों की पहचान कर वहां अतिरिक्त संसाधन लगाए जाएं। ड्राइवरों और कर्मचारियों की अस्थायी भर्ती, मोबाइल टिकट काउंटर, और क्यूआर कोड आधारित त्वरित चेक-इन सिस्टम से लंबी कतारों से बचा जा सकता है। साथ ही, मल्टी-लेवल पार्किंग और पार्क-एंड-राइड जोन बनाकर निजी वाहनों का दबाव घटाया जा सकता है। स्थानीय स्कूलों, कॉलेजों या एनजीओ के स्वयंसेवकों की सहायता से यात्री मार्गदर्शन और भीड़ नियंत्रण किया जा सकता है। यदि ये उपाय योजनाबद्ध तरीके से लागू हों, तो त्योहारों पर यात्रा अनुभव कहीं अधिक सुगम और सुरक्षित बनाया जा सकता है। – हंसराज वर्मा, बिलोचिया
त्योहारों पर सार्वजनिक परिवहन की परेशानी को दूर करने का एकमात्र उपाय परिवहन सेवाओं की आवृत्ति बढ़ाना है। वहीं रेल, बस व अन्य परिवहन सेवाओं की संख्या में बढ़ोतरी जरूरी है। परिवहन अधिकारियों को मेलों, त्योहारों पर होने वाले आयोजनों में भीड़ का अनुमान लगाकर परिवहन साधनों की व्यवस्था करने के लिए सरकार को अवगत कराने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। – शिवजी लाल मीना, जयपुर
त्योहारों पर बसों व ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। विशेषकर लंबी दूरी की यात्राओं के लिए विशेष व्यवस्था होनी चाहिए। समय सारणी जानने के लिए मोबाइल ऐप और डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाए ताकि यात्री को अपनी यात्रा योजना बनाने में सुविधा रहे। परिवहन कर्मचारियों को अवकाश नहीं दिया जाए। परिवहन अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए कि परिवहन सेवाएं सुचारू रूप से चल रही है या नहीं, फील्ड में रहें। ज्यादा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में शटल बसों का उपयोग कर यात्रियों को निर्धारित स्थान पर पहुंचाया जा सकता है। सुरक्षा उपाय मजबूत किए जाएं। सड़कों व बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाए। – लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़