उन्होंने वर्ष 2024 में किए गए पौधरोपण की शत-प्रतिशत जियो टैगिंग सुनिश्चित करने एवं सत्यापन रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2025-26 के लिए शासन से निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करना आवश्यक है।
पौधरोपण कार्यक्रम को जनआंदोलन का स्वरूप देने के लिए औद्योगिक इकाइयों, आरडब्ल्यूए, शैक्षणिक संस्थानों, एनजीओ एवं स्कूली बच्चों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। पर्यावरण समिति की समीक्षा के दौरान निर्माण सामग्री के ओवरलोडिंग और बिना ढके परिवहन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि कूड़ा जलाने की घटनाओं पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराने तथा सीएंडडी और लिगेसी वेस्ट के निस्तारण को लेकर ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। जिला गंगा समिति की बैठक में यमुना एवं हिंडन नदियों के किनारे विशेष सफाई अभियान चलाने तथा सेक्टर-94 एवं छिजारसी स्थित घाटों की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग और प्राधिकरण के अधिकारियों को सात दिनों के भीतर कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
वेटलैंड क्षेत्रों में की गई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की रिपोर्ट भी संबंधित उपजिलाधिकारियों से मांगी गई। इस अवसर पर आईआईपीए, नई दिल्ली के दो सदस्यों ने भी बैठक में प्रतिभाग किया और जिला गंगा कार्य योजना प्रस्तुत की। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विद्यानाथ शुक्ल, प्रभागीय वन अधिकारी प्रमोद कुमार, यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय प्रबंधक उत्सव शर्मा सहित पुलिस, प्राधिकरण और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।