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यह होती है समस्या
जानकारी के अनुसार पासपोर्ट के लिए पहले तो लोगों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। इसके लिए पहले दस्तावेज आदि सत्यापन के लिए जबलपुर, सतना, भोपाल, सागर जाना पड़ता है। वहां की प्रक्रिया के लगभग एक सप्ताह बाद फिर थाना से वेरीफिकेशन होता है। थाने के बाद फार्म ऑनलाइन एसपी कार्यालय जाते हैं, जहां से फिर ओके कर पासपोर्ट कार्यालय भेजे जाते हैं। जिले में हर दिन 8 से 10 लोग पासपोर्ट बनावाने के लिए पहुंचते हैं, जिन्हें जहां पर स्लॉट खाली होने पर बुकिंग मिलती है। भोपाल, सतना, जबलपुर आदि के जिलों में जाना पड़ता है। कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होने व होने पर आगे की कार्रवाई होती है। कहीं पर शंका होने पर एसपी ऑफिस से आगे की कार्रवाई होती है।
इस तरह से लोगों ने बताई समस्या
शहरवासियों का कहना है कि पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उन्हें सत्यापन प्रक्रिया के लिए सतना जाना पड़ा। इसमें समय, रुपये दोनों की बर्बादी हुई। शहर में ही कार्यालय होने से लोगों को बड़ा फायदा होगा। जिले से हर माह पासपोर्ट के लिए दर्जनों की संख्या में आवेदन होते हैं। लोगों का कहना है कि कटनी में पासपोर्ट कार्यालय खुलने से लोगों को राहत मिलेगी। कटनी में पासपोर्ट बनेगा तो यह लोगों के घर जल्द ही डिलीवर हो जाएगा। कटनी में पदस्थ रहे IAS की बड़ी पहल: सेटेलाइट की मदद वाला ‘सिपरी सिस्टम’ प्रदेश को करेगा लबालब, इसरो और गूगल से ली मदद
सांसद ने भी विदेश मंत्री को लिखा था पत्र
जानकारी के अनुसार जिले में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने को लेकर सांसद वीडी शर्मा ने भी 31 जनवरी 2024 को केन्द्रीय विदेश मंत्री डॉ सुब्रम्हाण्यम जयशंकर को पत्र लिखा था लेकिन अबतक केंद्र नहीं खुल सका। पत्र में बताया गया था कि जिले में पासपोर्ट सेवा केंद्र की सुविधा न होने से कटनी के नागरिकों को जबलपुर और सतना पासपोर्ट बनवाने के लिए जाना पड़ता है। कटनी जिला व्यापारिक, औद्योगिक एवं खनिज उद्योगों के दृष्टिकोण से परिपूर्ण है। इसलिए यहां के लोगों द्वारा बहुत समय से पासपोर्ट सेवा केंद्र की मांग की जाती रही है।