सोमवार को नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने श्वानों के काटने और रेबीज से होने वाली मौतों के बढ़ते मामलों को देखते हुए आदेश दिए हैं कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा श्वानों को रिहायशी इलाकों से दूर स्थानांतरित किया जाना चाहिए और जो भी संगठन इस काम में बाधा डालेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की तर्ज पर सिरोही शहर में भी ऐसी व्यवस्था की जाए, जिसमें कॉलोनियों व सडक़ों पर विचरण करते आवारा श्वानों को शहर से दूर स्थानांतरित किया जाए, जिससे शहर ही जनता को इन आवारा श्वानों से निजात मिल सके।
सुबह छात्र-छात्राओं के स्कूल जाने का समय हो या मॉर्निंग वॉक करने जा रही महिलाओं को, इनका भय हर समय सताता रहता है। नगर परिषद की ओर से इस पर रोक के कोई ठोस उपाय नहीं हैं। शहर के झालरा मस्जिद, सदर बाजार, सम्पूर्णानंद कॉलोनी, कुम्हारवाडा, हाउसिंग बोर्ड सहित विभिन्न मोहल्लों में आवारा श्वानों ने आतंक मचा रखा है।
आवारा श्वान रोजाना कर रहे हमला
शहर में प्रतिदिन आवारा श्वानों के शिकार लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। आवारा श्वानों के भय के कारण लोग सुनसान इलाकों से गुजरने से कतराने लगे हैं। रात का समय हो या दिन का, सडक़ों पर आवारा श्वान बच्चों से लेकर बड़े लोगों पर अचानक आक्रामक होकर हमला कर देते हैं। आए दिन आवारा श्वानों की बढ़ रही आबादी के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया।विशेषतौर पर महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को डर बना रहता है।
सिरोही अस्पताल में मासूम को नोंच कर मार दिया था
दो साल पहले सिरोही के जिला अस्पताल में आवारा श्वान अस्पताल में भर्ती एक सिलिकोसिस पीड़ित मरीज की पत्नी के पास सो रहे 29 दिन के मासूम को उठा ले गए थे और नोंच कर मार डाला था। इस घटना ने हर किसी को झकझोर दिया था। इसके बाद एक नवजात कन्या को घसीटकर ले जाने की घटना भी हो चुकी है।