नगरीय विकास विभाग ने सड़कों के नवीनीकरण के लिए ‘मिल एंड फिल’ नीति लागू करने के निर्देश दे दिए हैं। इसके तहत अब नई डामर या कंक्रीट की परत बिछाने से पहले पुरानी परत को हटाना अनिवार्य होगा। इससे मकान और सड़क का लेवल हमेशा एक जैसा बना रहेगा। जो सड़कउखाड़ी जाएगी, उसके मैटेरियल को सड़क निर्माण में रि-यूज किया जाएगा। फिलहाल इसके दायरे में 45 प्रतिशत सड़कें आएंगी। विकास प्राधिकरण, नगरीय विकास न्यास, आवासन मण्डल अब इसी आधार पर काम करेंगे। अनुबंधित कंपनियों को भी अपने प्लांट को इसी तर्ज पर अपग्रेड करना होगा।
सभी का फायदा 1- जनता: मकान के प्लिंथ लेवल के ऊपर तक सड़क का लेवल होता जा रहा है। मकान, दुकानों के अंदर बारिश का पानी भरता है। भवनों के प्रवेश द्वार पर दीवार बनानी पड़ती है। इससे इन प्रॉपर्टी कीमत कम हो गई। लेवल हमेशा एक जैसा रहेगा तो इन समस्या से निजात मिलेगी।
2- प्राधिकरण, यूआइटी: उखाड़े गए मैटेरियल को दोबारा उपयोगी बना सकेंगे। नए के साथ पुराना मैटेरियल मिलेगा तो लागत भी कम आएगी। 3- सरकार: जनता और संगठनों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ेगा। विकास समिति से लेकर कई संगठन सरकारों को ज्ञापन देते रहे हैं।
4- पर्यावरण: कंक्रीट, बजरी और डामर प्राकृतिक संसाधन ही हैं, जिनका उत्पादन नहीं हो सकता है। मैटेरियल का रि-यूज होगा तो स्वत: नए मैटेरियल की खपत कम होगी। एनएचएआइ एनएचएआइ पहले ही इसी नीति पर काम कर रहा है। उनके अनुसार, पुनर्नवीनीकरण डामर की गुणवत्ता 100 प्रतिशत नए डामर जितनी ही होती है। इसके लिए कोल्ड मिलिंग और हॉट रिसाइकलिंग तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
इन सड़कों पर होगा काम… -ऐसी सड़क जो ज्यादा उपयोग में नहीं आ रही, वहां की डामर की परत को उखाड़ा जाएगा। -जिन सड़कों का नवीनीकरण करना है, वहां पहले पुरानी लेयर हटेगी।
चार तरीकों से रि-यूज -सर्विस रोड के बेस निर्माण में -मुख्य सड़क के बेस निर्माण में -सर्विस रोड की ऊपरी परत में -मुख्य सड़क की ऊपरी परत में मुख्यमंत्री की चिंता के बाद चेते
सीएम भजनलाल शर्मा ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर कहा था कि डामर की परत दर परत चढ़ाने से भवनों का लेवल नीचे हो रहा है। लोग परेशान है और प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है।