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ध्रांगध्रा के शिल्पी की बनाई देवी-देवताओं की 1800 मूर्तियां अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित

अयोध्या पहुंची गुजरात के झालावाड़ के हितेश की कला गुजरात का अहम योगदान, मंदिर के गुंबद, प्रदक्षिणा मार्ग, शिखर के गवाक्ष, स्तंभों पर और राम दरबार के प्रवेश द्वार के पास की गई स्थापना रोहित सांगाणी राजकोट. सुरेंद्रनगर जिले के ध्रांगध्रा निवासी शिल्पी की कला उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर में पहुंची है। […]

अहमदाबादJun 11, 2025 / 10:23 pm

Rajesh Bhatnagar

अयोध्या पहुंची गुजरात के झालावाड़ के हितेश की कला

गुजरात का अहम योगदान, मंदिर के गुंबद, प्रदक्षिणा मार्ग, शिखर के गवाक्ष, स्तंभों पर और राम दरबार के प्रवेश द्वार के पास की गई स्थापना

रोहित सांगाणी
राजकोट. सुरेंद्रनगर जिले के ध्रांगध्रा निवासी शिल्पी की कला उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर में पहुंची है। हितेश सोमपुरा की ओर से बनाई गई 1800 विभिन्न मूर्तियां राम मंदिर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित की गई हैं। ये मूर्तियां मंदिर के स्तंभ, गुंबद, प्रदक्षिणा मार्ग, शिखर के गवाक्ष, राम दरबार के प्रवेश द्वार पर लगाई गई हैं।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे ऐतिहासिक राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। इस मंदिर की खूबसूरती बढ़ाने वाली मूर्तियों में गुजरात का अहम योगदान है। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए डिजाइन गुजरात के चंद्रकांत सोमपुरा ने ही तैयार किया।
वहीं सुरेंद्रनगर जिले के ध्रांगध्रा में रहने वाले और मूर्तिकला से जुड़े सोमपुरा परिवार और उनके कारीगरों ने देवी-देवताओं की 1800 से ज्यादा मूर्तियां बनाई हैं। इन मूर्तियों को अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित किया गया है।
ध्रांगध्रा में वर्षों से कई परिवार शिल्पकला से जुड़े हुए हैं और कई पीढ़ियों से मूर्तियां सहित विभिन्न कलाकृतियां बनाकर झालावाड़ का नाम रोशन किया है।राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान भगवान राम के साथ सीता और हनुमान की मूर्तियां भी स्थापित की गई थीं। हालांकि राम मंदिर में कुल 7 से 8 हजार मूर्तियां बनाई गई हैं।
35 कारीगरों की टीम

सोमपुरा को राम मंदिर के लिए लगभग 1800 से अधिक मूर्तियां बनाने का काम मिला था। इससे उन्हें विशेष आनंद प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में लगभग 20 कारीगर अयोध्या और 15 कारीगर ध्रांगध्रा सहित कुल मिलकर 35 कारीगरों की टीम ने लगभग 1700-1800 मूर्तियां बनाई हैं। यह कार्य अभी भी जारी है। अयोध्या में भी काम चल रहा है।
गुजरात के बाहर कई जगहों पर मंदिरों में मूर्तियां बनाईं

सोमपुरा ने बताया कि ध्रांगध्रा में पीढ़ियों से मूर्तिकला का काम कर रहे हैं। गुजरात और गुजरात के बाहर कई जगहों पर मंदिरों में मूर्तियां बनाई हैं। राज्य के विभिन्न जिलों, अन्य राज्यों और विदेशों में भी पत्थरों से मूर्तियां बनाकर भेजते हैं। साथ ही वे मंदिर निर्माण के लिए भी जाते हैं। ध्रांगध्रा शहर के शिल्पियों ने पहले सोमनाथ मंदिर और द्वारका मंदिर में भी काम किया। यहां के सैंडस्टोन से मोढेरा का सूर्य मंदिर और गायकवाड़ हवेली के काम भी यहां के कारीगरों ने किए।

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