मिजोरम रेलवे नेटवर्क से जुडऩे वाला नॉर्थ ईस्ट का चौथा राज्य बन गया है। इससे पहले असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश इस नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर लिखा, ‘मिजोरम की राजधानी (आइजोल) भारत के हर दिल से जुड़ेगी! लुमडिंग डिवीजन एन.एफ. रेलवे की बैराबी-सैरांग नई ब्रॉडगेज लाइन परियोजना का सफल स्पीड ट्रायल।’ यह प्रोजेक्ट चार हिस्सों में बंटा है। बैराबी से होरटोकी तक यह 16.72 किमी, होरटोकी से कावनपुई तक 9.71 किमी, कावनपुई से मुआलखांग तक 12.11 किमी और मुआलखांग से सैरांग (आइजोल) तक 12.84 किमी का होगा।
रेलवे लाइन का सामरिक महत्त्व भी यह ट्रैक दुर्गम पहाड़ी इलाके में बिछाया गया है। इलाका बांग्लादेश और म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटा है। ऐसे में इस रेलवे लाइन का सामरिक महत्त्व भी है। सेना या राहत सामग्री को एक छोर से दूसरी छोर तक जल्दी और आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर मिजोरम के लोगों को न सिर्फ देश के बाकी हिस्सों से बेहतर संपर्क मिलेगा, व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।
सीमा के पास चीन ने खड़े कर दिए ढांचे मिजोरम की सीमा के पास चीन काफी समय से बुनियादी ढांचे खड़े करने में जुटा है। वह कई परियोजनाएं चला रहा है, जिनमें सडक़ों, पुलों का निर्माण और हवाई अड्डों का विकास शामिल है। एक और पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम भी चीन के साथ सीमा साझा करता है। रेल मंत्रालय ने सिक्किम के लिए भी नई रेलवे लाइन की तैयारी शुरू कर दी है। यह प्रोजेक्ट दक्षिण और पश्चिम सिक्किम को नेशनल रेल नेटवर्क से जोड़ेगा।