गश्त के दौरान संदिग्ध किशोर पकड़ाए
आउटर नॉर्थ डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि बुधवार देर रात अलीपुर थाना के एसएचओ शैलेंद्र और एसीपी बादली की निगरानी में पुलिस टीम नियमित पेट्रोलिंग कर रही थी। इसी बीच बाहरी दिल्ली में बिना नंबर प्लेट की काली स्प्लेंडर बाइक पर तीन किशोरों को संदिग्ध हालत में घूमते देखा। पुलिस को देखते ही किशोर दूसरी ओर बाइक लेकर भागने लगे। यह देख गश्ती दल को उनपर शक हो गया। इसके बाद गश्ती दल ने उन्हें रोककर पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ में पता चला कि 16 साल के सभी किशोर दिल्ली के झंगोला गांव के रहने वाले हैं। इनके पास जो बाइक मिली, वह अलीपुर इलाके से चोरी की गई थी।
मोबाइल के सुराग से हत्या का पर्दाफाश
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के गश्ती दल ने तीनों किशोरों की तलाशी ली तो एक किशोर के पास दो मोबाइल फोन मिले। पुलिस ने किशोर से मोबाइल फोन के बारे में डिटेल से पूछताछ शुरू की तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। सख्ती से पूछताछ में किशोरों ने खुलासा किया कि तीन महीने पहले उन्होंने यमुना किनारे एक अज्ञात युवक से मोबाइल लूटने की कोशिश की थी। विरोध करने पर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को वहीं रेत में दफना दिया।
तीन फीट गहरे गड्ढे से बरामद हुआ कंकाल
आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस टीम उन्हें शैंक नंबर 16 और 17 के बीच यमुना किनारे ले गई। वहां एसडीएम अलीपुर, एफएसएल रोहिणी और मोबाइल क्राइम टीम की मौजूदगी में खुदाई कराई गई। करीब तीन फीट गहरे गड्ढे से एक मानव कंकाल बरामद हुआ। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए और स्थल की फोटोग्राफी की। शव को पोस्टमार्टम और शिनाख्त के लिए बाबू जगजीवन राम अस्पताल की मोर्चरी भेजा गया।
IMEI नंबर से मृतक की पहचान, बिहार निवासी निकला युवक
पुलिस ने बरामद मोबाइल के IMEI नंबर से मृतक की पहचान बिहार के औरंगाबाद निवासी 18 साल के सोनू के रूप में की। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सोनू के परिवार से संपर्क किया। पुलिस पूछताछ में सोनू के परिवार ने बताया कि वह तीन महीने से लापता है। इसके साथ ही उसका फोन भी स्विच ऑफ है। पुलिस का कहना है कि औरंगाबाद में सोनू की गुमशुदगी परिजनों ने दर्ज कराई थी। बहरहाल, इस मामले में पुलिस ने तीनों किशोरों के खिलाफ हत्या, लूट और साक्ष्य छुपाने की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।