Arvind Kejriwal: केजरीवाल के गले की फांस बना ‘फांसी घर’, इन नेताओं को समन भेजने की तैयारी
Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा में फांसी घर मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को समन भी किया जा सकता है। इसके साथ ही तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को भी समिति के सामने पेश होना पड़ सकता है।
दिल्ली विधानसभा में फांसी घर के लेकर गहराया विवाद।
Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा परिसर में स्थित कथित ‘फांसी घर’ को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच विवाद लगातार तेज होता जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए इसे विशेषाधिकार समिति को जांच के लिए सौंप दिया है। तीन दिनों से सदन में इस पर तीखी बहस चल रही है, जिसमें इतिहास के तथ्यों को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने फांसी घर मामले की जांच कराने का दावा किया है। इसके साथ ही उन्होंने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के नेताओं को समन जारी होने की संभावना जताई है।
गुरुवार को विधानसभा में अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि जरूरत पड़ने पर इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भी किया जा सकता है। उनके साथ उस समय के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को भी समिति के सामने पेश होना पड़ सकता है। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दावा किया कि जिसे 2022 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने ‘फांसी घर’ बताकर नवीनीकरण किया और उद्घाटन किया, वह वास्तव में एक टिफिन रूम था। उन्होंने 1912 के विधानसभा परिसर के नक्शे का हवाला देते हुए कहा कि उस स्थान पर फांसी घर होने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।
दिल्ली विधानसभा में फांसी घर के लेकर गहराया विवाद।
तोड़-मरोड़कर पेश किया गया इतिहास
उन्होंने कहा, “इतिहास को तोड़-मरोड़कर जनता को गुमराह किया गया। यह एक गंभीर मामला है और इसकी गहन जांच की जाएगी।” अध्यक्ष ने यह भी निर्देश दिए कि फांसी घर के बाहर लगी केजरीवाल के नाम की पट्टिका हटाई जाएगी और वहां 1912 का असली नक्शा लगाया जाएगा, जो उस स्थान को टिफिन रूम दर्शाता है। इस पूरे मामले ने दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है और आने वाले दिनों में इससे जुड़ी कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी होंगी।
एमपीएमएलए कोर्ट ने सशर्त मंजूर की जमानत
दूसरी ओर, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पासपोर्ट रिन्यू कराने की सशर्त अनुमति सुलतानपुर की विशेष एमपी/एमएलए अदालत से मिल गई है। विशेष न्यायाधीश शुभम वर्मा ने यह फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया कि केजरीवाल को विदेश यात्रा पर जाने से पहले अदालत को सूचित करना अनिवार्य होगा। उनके वकील मदन सिंह ने बताया कि यह याचिका विदेश यात्रा में संभावित कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए दाखिल की गई थी।
यूपी के अमेठी में केजरीवाल के खिलाफ चह रहे मुकदमे
गौरतलब है कि केजरीवाल के खिलाफ अमेठी में दो आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पहला मामला 20 अप्रैल 2014 को गौरीगंज में रोड जाम, उपद्रव और आचार संहिता उल्लंघन को लेकर दर्ज हुआ था, जबकि दूसरा केस मुसाफिरखाना क्षेत्र में चुनावी सभा के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दर्ज किया गया था। इन दोनों मामलों की कार्यवाही पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है और केजरीवाल जमानत पर हैं।
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