सभी प्रजातियों में एंपरर पेंगुइन सबसे बड़े होते हैं। इनकी लंबाई चार फीट और वजन 20 से 40 किलो तक होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान वृद्धि के प्रति एंपरर पेंगुइन सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। जिन बर्फ खंडों पर वे प्रजनन और चूजों को पालने के लिए निर्भर हैं, वे अब टूट रहे हैं। इतना ही नहीं तापमान वृद्धि से पेंगुइन के प्रजनन स्थलों और उनके पैरों के नीचे की बर्फ पतली और कमजोर हो रही है। हाल के वर्षों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जब बर्फ टूटने से कुछ कॉलोनियों में सभी चूजे समुद्र में डूब गए।
कंप्यूटर मॉडलों ने अनुमान लगाया था कि यदि इंसान ने कार्बन उत्सर्जन में कटौती नहीं की तो सदी के अंत तक पेंगुइन की यह प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर होगी। लेकिन नए अध्ययन में तस्वीर और भी बदतर नजर आ रही है। फ्रेटवेल ने कहा, यदि हमने अपनी आदतें सुधारी और उत्सर्जन को कम किया तो हम इस खूबसूरत और अनोखे जीव को बचा सकते हैं।