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नई दिल्ली

भइया सौ एकड़ तो मैं चला हूं…राहुल गांधी ने झुग्गीवालों से पूछा सवाल तो जवाब में लोगों ने गिना दीं समस्याएं

Rahul Gandhi: दिल्ली के अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर क्षेत्र का राहुल गांधी ने दौरा किया। इस दौरान लोगों ने उन्हें अपनी पीड़ा बताई। लोगों का कहना था कि उन्हें बिना नोटिस जारी किए ये कार्रवाई की गई।

नई दिल्लीJul 25, 2025 / 12:25 pm

Vishnu Bajpai

Rahul Gandhi: भइया सौ एकड़ तो मैं चला हूं...राहुल गांधी ने झुग्गीवालों से पूछा ऐसा सवाल कि जवाब में लोगों ने गिना दीं समस्याएं

दिल्ली में बुलडोजर एक्‍शन के बाद राहुल गांधी ने झुग्गीवालों से मुलाकात की। (फोटो सोर्स : IANS Video Grab)

Rahul Gandhi: दिल्ली में शुक्रवार को राहुल गांधी ने अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर क्षेत्र का दौरा किया। जहां उन्होंने झुग्गी गिराए जाने से परेशान लोगों से बातचीत की। इस दौरान राहुल गांधी ने लोगों ने पूछा कि यह क्षेत्र कितने एकड़ में है? डीडीए ने कितने एकड़ में बुलडोजर चलाया? इस सवाल का भीड़ में से एक व्यक्ति ने जवाब दिया कि 100 एकड़। इसपर राहुल गांधी बोले- “भइया सौ एकड़ तो मैं पैदल चला हूं।” इसके बाद लोगों ने राहुल गांधी के सवाल के बदले अपनी समस्याएं गिनानी शुरू कर दीं। इसका वीडियो कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया ‘X’अकाउंट पर शेयर किया है। जिसपर सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। इसमें कुछ यूजर्स ने तो इसके लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहरा दिया।

अब पढ़िए सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया ‘X’अकाउंट पर राहुल गांधी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा “आज नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर का दौरा किया, जहां डीडीए ने 500 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ियां तोड़ दी थीं। राहुल गांधी ने यहां प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें सुनीं और उनका दर्द बांटा।” इसपर पीतांबरा दत्त शर्मा नाम के एक सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा “इनमें से किसी ने जगह को मोल खरीदा है क्या? जो लोग सरकार से मोल प्लॉट खरीद कर टैक्स देकर अपना मकान बनाते हैं, वो तो फिर मूर्ख ही हुए न!? नेतागिरी करनी है तो लोगों को सही रास्ता बताना सीखो।” मुकेश अग्रवाल नाम के एक अन्य यूजर्स ने लिखा “क्या राहुल गांधी आज तक पाकिस्तान से आए विस्थापितों के झोपड़ियों में गए हैं मिलने?”
राजेश जैन नाम के एक अन्य यूजर्स ने तो कांग्रेस को ही निशाने पर ले लिया। राजेश जैन ने लिखा “यह देख लो दिल्ली वालों, भाजपा जिन रोहिंग्या बांग्लादेशियों को निकालने के लिए बेघर कर रही है। कांग्रेस और उसकी सपोर्टिंग पार्टियां अब उन्हें दोबारा बसाने का प्रयास कर रही हैं।” वहीं एक अन्य यूजर्स ने लिखा “दिल्ली की झुग्गियों का ‘दर्द सुनने वाले राहुल गांधी कभी छत्तीसगढ़ में 2023 में तोड़ी गई 1000+ झोपड़ियों पर नहीं बोले। जहां कांग्रेस की सरकार थी। गरीबों का दर्द कांग्रेस को सिर्फ कैमरे के सामने याद आता है।”

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए ने की थी कार्रवाई

दरअसल, दिल्ली के अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए ने बड़ी कार्रवाई की थी। इसमें करीब 300 झुग्गियों को तोड़ दिया गया था। इस मामले में डीडीए अधिकारियों ने पूर्व में बताया था कि यहां डीडीए की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा और अतिक्रमण किया गया था। इसके अलावा लोगों ने रेलवे पटरी के पास भी अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया था। इनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार कार्रवाई की गई। इस दौरान अवैध रूप से बनाई गई इमारतों को भी ध्वस्त किया। इस कार्रवाई से पहले लोगों को लगातार नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन लोगों ने स्वतः कब्जा छोड़ने में कोई रुचि नहीं दिखाई।

डीडीए की कार्रवाई पर उठे सवाल

डीडीए की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए संजय नामक पीड़ित ने बताया कि वह पिछले दो दशकों से अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग की झुग्गियों में रह रहे हैं। उनके पास आधार कार्ड, वोटर आईडी सहित सभी वैध दस्तावेज हैं, जिन्हें उन्होंने डीडीए को सौंप भी दिया है। बावजूद इसके, उन्हें अब तक स्वाभिमान अपार्टमेंट में कोई फ्लैट आवंटित नहीं किया गया। मंजू नामक एक अन्य निवासी ने बताया कि उनके साथ कई अन्य परिवार भी लंबे समय से वहां रह रहे हैं। इन झुग्गी निवासियों ने अदालत से डीडीए की तोड़फोड़ कार्रवाई पर स्थगन आदेश (स्टे) प्राप्त कर लिया था, जिसके बाद इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उच्च न्यायालय ने लगभग 250 कथित ‘अयोग्य’ झुग्गी निवासियों के मकानों को तोड़ने पर भी रोक लगा दी है।

डीडीए का पुनर्वास प्रयास झुग्गियों का पुनर्विकास

अशोक विहार के जेलरवाला बाग क्षेत्र में 1600 से अधिक झुग्गियां थीं। ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ योजना के अंतर्गत डीडीए ने इन झुग्गीवासियों के लिए पुनर्वास की योजना बनाई। डीडीए अधिकारियों के अनुसार, अशोक विहार फेज-2 में स्वाभिमान अपार्टमेंट नामक परियोजना के तहत 400 वर्ग फुट क्षेत्रफल वाले 1675 ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स का निर्माण किया गया है। जिसकी कुल लागत ₹421.81 करोड़ है।

झुग्गीवासियों को दिया जा रहा नया आशियाना

इस योजना के तहत अब तक 1000 से अधिक पात्र झुग्गीवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट आवंटित किए जा चुके हैं। शेष को जल्द ही फ्लैट दिए जाएंगे। प्रति फ्लैट निर्माण पर ₹25 लाख की लागत आई है। पात्र लाभार्थियों को कुल लागत का मात्र 7% भुगतान करना होगा। यानी लाभार्थियों को सिर्फ 1.42 लाख रुपये आवास के लिए देने होंगे। इसके अलावा 30,000 रुपये पांच सालों तक रखरखाव के लिए जमा कराने होंगे।

पात्रता की शर्तें और सूची में नाम होना जरूरी

डीडीए प्रशासन ने स्पष्ट किया कि पुनर्वास योजना नीति वर्ष 2015 में तत्कालीन दिल्ली सरकार द्वारा अनुमोदित की गई थी। इसके अंतर्गत वे परिवार पात्र माने जाएंगे जिनका नाम 2012 से 2015 (1 जनवरी 2015 से पहले) के किसी एक वर्ष की मतदाता सूची में दर्ज है और जिनके पास निर्धारित दस्तावेजों (जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल, बैंक पासबुक आदि) में से कोई एक है। साथ ही, उनका नाम डीडीए द्वारा किए गए सर्वेक्षण वर्ष की मतदाता सूची में भी होना चाहिए।

अपील का अवसर अयोग्य घोषित झुग्गीवासियों को

डीडीए के अनुसार, स्वाभिमान अपार्टमेंट में अब तक 1078 पात्र परिवारों को फ्लैट आवंटित किए जा चुके हैं। वहीं, 567 निवासी जो पात्र नहीं माने गए हैं। वे डीडीए द्वारा नियुक्त अपीलीय प्राधिकरण सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपील कर सकते हैं। कई झुग्गियों का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्य से होने लगा था और अनेक निवासियों के पास 1 जनवरी 2015 से पूर्व का वैध राशन कार्ड नहीं था। जिसके कारण वे वैकल्पिक आवंटन के योग्य नहीं माने गए।

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