आसिफ निकला आरोपी, शराब की लत से ग्रस्त
धमकी देने वाले युवक की पहचान आसिफ के रूप में हुई है, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली का निवासी है। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि आसिफ लंबे समय से शराब का आदी है और नशे की हालत में ही उसने यह कदम उठाया। पूछताछ में आसिफ ने स्वीकार किया कि वह अपनी शादी न होने से परेशान था और इसी मानसिक तनाव में उसने लाल किला उड़ाने जैसी झूठी धमकी दी। उसका कहना था कि वह इस धमकी के जरिए अपने माता-पिता को परेशान करना चाहता था। ताकि वह उसकी शादी कराने के लिए कोशिशें तेज कर दें।
कॉल के बाद मचा हड़कंप
जैसे ही गाजियाबाद पुलिस को धमकी भरा कॉल मिला, उन्होंने तुरंत उच्च अधिकारियों को सूचित किया। दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया। शुरुआती जांच में धमकी झूठी साबित हुई, लेकिन इसकी गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पूरी सतर्कता बरती और आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया।
मानसिक स्वास्थ्य की जांच का आदेश
पुलिस ने आसिफ के खिलाफ केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। साथ ही, उसकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति की जांच के लिए मेडिकल परीक्षण कराने का निर्णय लिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की धमकियां केवल कानून-व्यवस्था को खतरे में डालती हैं, बल्कि समाज में बेवजह डर और असुरक्षा का माहौल भी पैदा करती हैं।
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?
मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों की जड़ में अक्सर अकेलापन, असफल रिश्ते, नशे की लत और मानसिक तनाव जैसे कारण होते हैं। तनाव प्रबंधन के लिए ध्यान (मेडिटेशन), योग और नियमित व्यायाम करें। ये तनाव कम करने में मददगार होते हैं। इसके अलावा परिवार और दोस्तों से अपनी भावनाएं साझा करने से मन हल्का होता है और गलत कदम उठाने की संभावना घटती है। इसलिए सकारात्मक संवाद बनाए रखें।
लंबे समय तक महसूस हो उदासी तो क्या करें?
विशेषज्ञों का कहना है कि जीवन में असफलताएं और निराशाएं आना स्वाभाविक है, लेकिन उनसे निपटने का तरीका ही हमें आगे बढ़ने में मदद करता है। नकारात्मक और हिंसात्मक कदम न केवल खुद के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए खतरा बन सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले व्यक्ति को अपने जीवन के लक्ष्य तय करने चाहिए। छोटे-छोटे लक्ष्य तय कर उन्हें पूरा करने की कोशिश करें, इससे आत्मविश्वास बढ़ता है। इसपर भी अगर यदि उदासी या निराशा लंबे समय तक बनी रहे तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या काउंसलर से सलाह लेना सबसे उचित है।