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लाल किले से मोदी का गर्जन: भारत की नई उड़ान, विपक्ष की निराशा और आत्मनिर्भर राष्ट्र का संकल्प

आज लाल किले पर राहुल गांधी का न पहुँचना इस बात का प्रतीक है कि कांग्रेस अब राष्ट्र के उत्सव से भी कट चुकी है

नई दिल्लीAug 15, 2025 / 09:30 pm

Navneet Mishra

प्रेम शुक्ल, (राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा)

आज लाल किले की प्राचीर से आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन न केवल स्वतंत्रता दिवस का संदेश था, बल्कि यह भारत की नई दिशा और दृढ़ संकल्प का उद्घोष भी था। यह संबोधन इस बात का प्रमाण है कि मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत केवल भविष्य में कदम नहीं रख रहा, बल्कि छलांग लगा रहा है। वहीं, विपक्ष अपनी पुरानी नकारात्मक राजनीति में उलझा हुआ है—आज लाल किले पर राहुल गांधी का न पहुँचना इस बात का प्रतीक है कि कांग्रेस अब राष्ट्र के उत्सव से भी कट चुकी है।
आज के अपने स्वंत्रता दिवस के भाषण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट किया। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आए आतंकियों द्वारा हुए नरसंहार ने पूरे भारत को आक्रोश से भर दिया था। धर्म पूछकर निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले आतंकियों को मोदी सरकार ने सेना को खुली छूट देकर करारा जवाब दिया। हमारी सेना ने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद कर दिया। पाकिस्तान की नींद अब भी उड़ी हुई है और वहाँ हुई तबाही के रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं। यह है नए भारत की नीति—आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की अटूट प्रतिबद्धता।
आदरणीय नरेन्द्र मोदी ने साफ कर दिया है कि किसानों के हितों पर कोई समझौता नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने लाल किले से कहा कि भारत के विकास में किसानों की मेहनत रंग ला रही है। वही जमीन, पर पानी और सुविधा मिलने से भारत में अनाज उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। मछली, चावल और सब्ज़ी उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर पहुँच चुका है। आज हमारे किसानों का उत्पादन दुनिया भर में पहुँचा है। 4 लाख करोड़ रुपये का एग्रो प्रोडक्ट विश्व बाज़ार में गया है। मोदी सरकार ने पीएम धन धान्य किसान योजना के तहत पिछड़े जिलों को सहयोग देना शुरू किया है। यह संदेश ऐसे समय दिया गया जब अमेरिका क्चञ्ज्र समझौते में कृषि और डेयरी सेक्टर में रियायतें मांग रहा है और दबाव बनाने के लिए भारी शुल्क भी लगा रहा है. पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कहा—भारत के किसानों के हितों के खिलाफ कोई भी शर्त स्वीकार नहीं होगी।
79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐतिहासिक घोषणा की—वर्ष 2035 तक भारत च्सुदर्शन चक्रज् नामक राष्ट्रीय सुरक्षा कवच तैयार करेगा। यह कवच दुश्मनों के हर हमले को निष्क्रिय कर पलटवार की क्षमता देगा। इसका पूरा रिसर्च, डेवलपमेंट और निर्माण भारत में होगा और इसमें भारतीय युवाओं व वैज्ञानिकों की प्रमुख भूमिका रहेगी। आत्मनिर्भर भारत की रक्षा नीति में यह एक निर्णायक कदम है। इस मिशन की प्रेरणा महाभारत के उस प्रसंग से ली गई है जब भगवान कृष्ण ने सूर्य को ढँककर अर्जुन की प्रतिज्ञा पूरी करवाई थी। ठीक उसी तरह भारत का च्सुदर्शन चक्रज् हर हमले का सटीक और लक्षित जवाब देगा।
मोदी सरकार की सबसे खास बात यह है कि वह केवल वादों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि दूरदृष्टि के साथ भारत को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और समृद्ध बनाने के संकल्प को धरातल पर उतार रही है। आज प्रधानमंत्री ने लाल किले से जो प्रमुख घोषणाएँ की हैं, वे विकसित भारत की नींव को और मजबूत करेंगी।

भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप – तकनीकी गुलामी से मुक्ति का ऐलान

दशकों तक भारत वैश्विक तकनीकी क्रांति में केवल उपभोक्ता बना रहा। पूर्ववर्ती सरकारें इस क्षेत्र में निर्णायक कदम नहीं उठा सकीं। अब मोदी सरकार मिशन मोड में काम कर रही है और इस वर्ष के अंत तक मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप का शुभारंभ होगा। यह केवल एक चिप नहीं, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था की नींव को भारतीय हाथों से मजबूत करने का प्रतीक है। इससे भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि विश्व सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

परमाणु ऊर्जा क्षमता में दस गुनी वृद्धि – ऊर्जा सुरक्षा की गारंटी

मोदी सरकार ने अगले दो दशकों में १० नए परमाणु रिएक्टरों के निर्माण की घोषणा की है। यह भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को स्वच्छ और सतत स्रोतों से पूरा करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। जब दुनिया ऊर्जा संकट और महंगी आयातित ऊर्जा से जूझ रही है, भारत अपनी ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा है।

अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार – आम आदमी को सीधा लाभ

दिवाली तक आवश्यक वस्तुओं पर करों में कमी कर जनता को राहत देने का वादा इस बात का संकेत है कि मोदी सरकार सुधारों को केवल कॉर्पोरेट हितों तक सीमित नहीं रखती, बल्कि हर निर्णय आम आदमी की जिंदगी आसान बनाने के लिए उठाती है।

10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था – लालफीताशाही को खत्म करने का संकल्प

भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुधार कार्य बल का गठन यह दर्शाता है कि मोदी सरकार केवल लक्ष्य तय नहीं करती, बल्कि उन्हें हासिल करने के लिए ठोस रोडमैप बनाती है। प्रशासनिक अड़चनें और पुराने ढर्रे की धीमी प्रक्रियाएँ अब इतिहास बनने जा रही हैं।

1 लाख करोड़ रुपये की पीएम विकसित भारत रोज़गार योजना – युवाओं के हाथ में शक्ति

3 करोड़ युवाओं को हर माह 15,000 रुपये की सहायता देने का ऐतिहासिक फैसला रोजगार के अवसर पैदा करेगा और नए स्टार्टअप्स व उद्योगों को बल देगा। यह योजना केवल मदद नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास देने की पहल है।

उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन – सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता

घुसपैठ और अवैध प्रवास पर रोक के लिए जनसांख्यिकी मिशन भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करेगा। यह कदम दिखाता है कि मोदी सरकार के लिए देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है।

ऊर्जा स्वतंत्रता – समुद्र मंथन मिशन के जरिये हरित क्रांति

समुद्री संसाधनों के कुशल उपयोग और हाइड्रोजन, सौर, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा के विस्तार से भारत आने वाले वर्षों में ऊर्जा निर्यातक देश के रूप में उभरेगा। यह पहल भारत को न केवल प्रदूषण से मुक्त करेगी, बल्कि दुनिया के लिए पर्यावरण अनुकूल विकास का मॉडल पेश करेगी।

स्वदेशी जेट इंजन निर्माण – आत्मनिर्भर भारत का नया मील का पत्थर

प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिकों और युवाओं को सीधी चुनौती दी—च्च्जैसे हमने कोरोना वैक्सीन बनाई, जैसे हमने यूपीआई बनाया, वैसे ही अब अपने जेट इंजन भी बनाएँ।ज्ज् यह आह्वान भारत के रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को नई ऊँचाई पर ले जाने वाला है। इससे भारत विदेशी तकनीक पर निर्भरता से मुक्त होकर रणनीतिक रूप से और मजबूत होगा।
मोदी सरकार ने बीते एक दशक में भारत को रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मार्ग पर आगे बढ़ाया है। 40,000 से अधिक अनुपालन खत्म किए गए, 1500 से अधिक पुराने कानून रद्द हुए और केवल वर्तमान सत्र में ही 280 प्रावधान हटाए गए, जिससे शासन सरल और नागरिक-केंद्रित हुआ। आयकर सुधारों से लेकर फेसलेस असेसमेंट तक, और भारतीय न्याय संहिता के माध्यम से पुराने आपराधिक कानूनों के स्थान पर आधुनिक कानून लाने तक, मोदी सरकार ने यह साबित किया कि सुधार केवल अर्थशास्त्र नहीं, बल्कि आम नागरिक के जीवन को बदलने का माध्यम हैं।
स्टार्टअप, रूस्रूश्व और उद्यमियों को पुराने कानूनों के डर से मुक्ति देने के कदम भारत को आत्मनिर्भरता और नवाचार के नए युग में ले जा रहे हैं। दिवाली तक लागू होने वाले नए जीएसटी सुधार आम आदमी को सीधा लाभ देंगे और आर्थिक गतिविधियों को गति देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को दूसरों की सीमाओं से तुलना करने के बजाय अपनी प्रगति की रेखा को आगे बढ़ाना चाहिए। उनका संदेश स्पष्ट था—भारत अपनी शर्तों पर चलेगा, आत्मनिर्भर बनेगा और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा।
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आज भी वही पुरानी नकारात्मक राजनीति कर रही है। राहुल गांधी लाल किले तक नहीं पहुँचे, क्योंकि उनके पास न तो कोई दृष्टि है और न ही कोई ठोस एजेंडा। जो दल दशकों तक देश पर शासन कर चुका हो, उसका आज राष्ट्र के सबसे बड़े मंच से दूरी बनाना यह साबित करता है कि कांग्रेस अब केवल विरोध के लिए विरोध करने वाली पार्टी बन गई है।
मोदी सरकार का यह स्पष्ट संदेश है—भारत अब किसी के दबाव में नहीं आएगा। यह नया भारत है, जो दुश्मन को उसकी सरजमीं पर जाकर जवाब देता है, किसानों की रक्षा करता है, युवाओं को अवसर देता है, कानूनों को सरल बनाता है और दुनिया को दिखा रहा है कि 2047 का विकसित भारत कोई सपना नहीं, बल्कि मोदी के नेतृत्व में एक ठोस संकल्प है।

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