कृपया मास्क पहनें…महाराष्ट्र्र, दिल्ली में तेजी से फैल रहा कोरोना, डरा रहे केरल के आंकड़े, क्या फिर होगा लॉक डाउन?
Corona Update: दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना एक बार फिर तेजी से पांव पसार रहा है। अकेले दिल्ली में बीते 24 घंटे के अंदर 152 नए केस मिले हैं। इसके बाद दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 436 हो गई है।
Corona Update: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में एक बार फिर कोरोना तेजी से बढ़ने लगा है। दिन-प्रतिदिन तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बीते 24 घंटों में अकेले दिल्ली में कोरोना के 152 केस सामने आए। इस दौरान 91 मरीज संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। इसके अलावा बीते दो दिनों में दो लोगों की कोविड-19 से मौत हो गई है। इनमें एक 60 साल की महिला शामिल है। जो आंतों में समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती हुई थी। जांच में वह कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई। जबकि एक 71 साल के बुजुर्ग की भी कोविड-19 से मौत हुई है। बुजुर्ग निमोनिया से पीड़ित थे। इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां जांच में वह कोविड-19 पाए गए। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही मौतों में कोविड-19 संक्रमण सहायक कारक रहा।
कोविड़-19 के केस पूरे देश में तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। पूरे देश में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या 3758 पहुंच गई है। इसमें सबसे ज्यादा मरीज केरल में पाए गए हैं। केरल में कोविड-19 मरीजों की संख्या 1435 दर्ज की गई है। जबकि महाराष्ट्र में 506 मामले और दिल्ली में कुल मामले 483 दर्ज किए गए। जबकि देशभर में करीब 4000 कोरोना के एक्टिव केस हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में कोविड-19 के ज्यादातर मरीजों में हल्का संक्रमण पाया जा रहा है। इसलिए ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन से ठीक हो रहे हैं। गंभीर रूप से पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वह अपने घर में बुजुर्गों और बच्चों के साथ किसी भी बीमारी से पीड़ित व्यक्तिओं का विशेष ध्यान रखें।
जेएनयू ने जारी की एडवाइजरी
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि देशभर में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों में ज्यादातर लोग दूसरी बीमारियों से पीड़ित थे। इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि उनकी मौत में कोविड-19 सहायक जरूर रहा है। जिन लोगों की कोविड-19 के संक्रमण से मौत हुई है। उनके अधिकतर बुजुर्ग हैं। इस बीच दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 के बढ़ते केस देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। इसके साथ ही जेएनयू ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
दरअसल, दिल्ली जेएनयू में एक छात्रा भी कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई थी। फिलहाल उसकी हालत में सुधार बताया जा रहा है। छात्रा के कोविड-19 पॉजिटिव आने के बाद छात्रसंघ ने भी विश्वविद्यालय से अनुरोध किया है कि कोविड-19 को लेकर सावधानी बरती जाए। इसके बाद विश्वविद्यालय ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है “सभी छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें। इसमें बार-बार साबुन से हाथ धोना, मास्क पहनना और विश्वविद्यालय परिसर में स्वच्छता बनाए रखने का आह्वान किया गया है।
लॉक डाउन जैसी स्थिति नहीं, लेकिन सावधानी जरूरी
कोविड-19 के बढ़ते केसों को देखते हुए दिल्ली की रेखा सरकार ने सभी अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने बताया “कोविड-19 से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। दिल्ली में अभी कोविड-19 की स्थिति सामान्य है। दिल्ली सरकार कोविड-19 के केसों पर लगातार नजर बनाए हुए है। हम पूरी तरह कोविड-19 से निपटने के लिए तैयार हैं। कोरोना के नए स्वरूप में अभी सिर्फ वायरल बुखार के लक्षण नजर आ रहे हैं। इसलिए लोगों को भीड़भाड़ जैसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही घर से बाहर निकलने पर विशेष सतर्कता बरतते हुए मास्क जरूर लगाएं और बार-बार साबुन से हाथ धोते रहें।”
अब जानिए कोविड के कहां कितने एक्टिव केस और मौतें
राज्य
एक्टिव केस
मौतें
केरल
1435
01
महाराष्ट्र
506
01
दिल्ली
483
02
गुजरात
338
0
पश्चिम बंगाल
331
0
कर्नाटक
253
0
तमिलनाडु
189
01
उत्तर प्रदेश
157
0
नोटः- ये आंकड़े 2 जून सुबह आठ बजे तक के हैं।
एम्स ने की लोगों से सतर्कता बरतने की अपील
दूसरी ओर दिल्ली एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर नीरज निश्चल ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। अभी सर्विलांस जरूरी है। कोरोना के मरीज लक्षणों के आधार पर इलाज करा सकते हैं, लेकिन बेवजह एंटीबायोटिक दवाएं लेने की जरूरत नहीं है। अगर बुखार बार-बार आ रहा है तो अस्पताल में जांच कराएं। दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को आदेश दिए हैं कि सांस के सभी मरीजों की कोरोना जांच की जाए। वहीं सर्विलांस बढ़ाने के लिए फ्लू जैसे लक्षण वाले कम से कम पांच प्रतिशत मरीजों की कोरोना जांच कराने के लिए कहा गया है। ऐसे में सरकार की तैयारियों को देखते हुए लोगों को भी थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। ताकि पिछली बार की तरह लॉक डाउन जैसी स्थिति से बचा जा सके।
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