पुरानी योजना क्यों बंद हो रही है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में डोर स्टेप डिलीवरी योजना शुरू की थी। शुरुआत में 40 सेवाएं इस योजना के अंतर्गत दी जा रही थीं। जो बाद में बढ़कर 100 तक पहुंच गईं। इसके तहत नागरिकों को घर बैठे सेवाएं प्राप्त करने के लिए एक निश्चित शुल्क देकर आवेदन करने की सुविधा थी। हालांकि AAP सरकार की डोरस्टेप डिलीवरी योजना नवंबर 2023 में खत्म हो गई थी। जिसे मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था। इस योजना के तहत 1076 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर एक मोबाइल सहायक आपके घर आकर आवेदन फॉर्म भरने में मदद करता था। 2023 में इस हेल्पलाइन पर 1.40 लाख से ज्यादा कॉल आई थीं। हालांकि मार्च 2024 के बाद इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया गया, क्योंकि उस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद इस योजना में तकनीकी बाधाएं भी आने लगीं। इसके चलते यह योजना निष्क्रिय हो गई।
क्या है रेखा सरकार की नई योजना?
दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में नई भाजपा सरकार अब डोर स्टेप डिलीवरी योजना की बजाय मोहल्लों में जन सेवा केंद्र (CSC) खोलने पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में रखने की तैयारी चल रही है। इसका मसौदा तैयार हो चुका है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी में नागरिक सेवाओं की सुगमता के लिए मोहल्ला आधारित जन सेवा केंद्र स्थापित करने की दिशा में काम शुरू हो चुका है। इन जनसेवा केंद्रों पर लोगों को 14 विभागों की सेवाएं एक ही जगह मिलेंगी। इसमें ट्रांसपोर्ट, रेवेन्यू, एमसीडी, खाद्य एवं आपूर्ति, श्रम, सामाजिक कल्याण आदि विभाग शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि जनसेवा केंद्र पर मिलने वाली इन सेवाओं के लिए 50 रुपये का नाममात्र सुविधा शुल्क देना होगा। सरकार का दावा है कि इन केंद्रों से लोग समयबद्ध और बाधारहित ऑनलाइन सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। सूत्रों की मानें कि पिछले एक साल से पुरानी योजना निष्क्रिय थी। लोगों को एक साधारण प्रमाणपत्र के लिए भी परेशान होना पड़ता था। कई बार लोग गलत दफ्तर चले जाते हैं या घंटों लाइन में लगते हैं। ऐसे में CSC केंद्र लोगों की सुविधा के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होंगे। इसमें सबसे बड़ी सहूलियत ये है कि जिनके पास कंप्यूटर या इंटरनेट नहीं है। वे तो इन केंद्रों से सेवा ले ही सकेंगे और जिनके पास सुविधा है। वे घर से भी इन सेवाओं के लिए आवेदन कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से मिली प्रेरणा
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पहले से ही जन सेवा केंद्र सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। दिल्ली में भी इसी मॉडल को अपनाने की तैयारी है। अधिकारियों के मुताबिक, डोर स्टेप डिलीवरी की तुलना में ये केंद्र ज्यादा व्यावहारिक और उपयोगी साबित होंगे। नागरिक अपनी सुविधा के अनुसार नजदीकी केंद्र जाकर सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। प्रत्येक केंद्र पर प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति होगी, जो आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, बिजली-पानी बिल भुगतान, पेंशन, वृद्धावस्था योजनाएं, राशन कार्ड और आधार से जुड़ी सेवाओं में नागरिकों की मदद करेगा।