दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग महज एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गौरव और ऐतिहासिक विरासत को पुनः प्रतिष्ठित करने का एक सार्थक प्रयास है। महाराजा अग्रसेन जैसे महापुरुष के नाम पर स्टेशन का नामकरण न केवल दिल्ली की जनता की भावनाओं का सम्मान होगा, बल्कि यह देशभर में सामाजिक समरसता और सम्मान के मूल्यों को प्रोत्साहित करने का भी संदेश देगा।
सीएम रेखा गुप्ता ने पत्र में क्या लिखा?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, रेखा गुप्ता ने पत्र में लिखा, “मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन’ रखा जाए। महाराजा अग्रसेन की विरासत न केवल भारत के सामाजिक और आर्थिक तानेबाने में बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान में भी गहराई से रची-बसी है।” पत्र में रेखा गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली और आसपास के लाखों लोग महाराजा अग्रसेन को सम्मान और श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं। उन्होंने कहा कि नाम परिवर्तन की यह पहल समाज में शांति, अहिंसा और समरसता जैसे मूल्यों को पुनः स्मरण कराएगी, जिनका प्रतिपादन स्वयं महाराजा अग्रसेन ने अपने शासन काल में किया था।
सीएम ने रेल मंत्री से मांगा व्यक्तिगत हस्तक्षेप
मुख्यमंत्री गुप्ता ने यह भी लिखा कि वह केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से अनुरोध करती हैं कि वे इस प्रस्ताव पर सकारात्मक और शीघ्र विचार करें। उन्होंने मंत्री से इस दिशा में व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, ताकि इस ऐतिहासिक परिवर्तन को अमल में लाया जा सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महाराजा अग्रसेन के अनगिनत अनुयायी आज भी दिल्ली के व्यापार, संस्कृति और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में रेलवे स्टेशन का नाम बदलना उनकी सांस्कृतिक भावना और पहचान को मान्यता देने जैसा होगा।
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन को ‘दिल्ली जंक्शन’ भी कहा जाता है। राजधानी के चांदनी चौक क्षेत्र में स्थित यह भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है। इसकी स्थापना साल 1864 में हुई थी और इसका वास्तुशिल्प लाल किले की स्थापत्य शैली से प्रेरित है। यह स्टेशन भारतीय रेलवे नेटवर्क का एक अहम केंद्र है। जहां कुल 18 प्लेटफॉर्म हैं। इनमें से दो प्लेटफॉर्म पर एक समय में 24 डिब्बों वाली दो ट्रेनों के खड़े रहने की सुविधा उपलब्ध है।
कौन थे महाराजा अग्रसेन?
महाराजा अग्रसेन प्राचीन भारत के एक महान और यशस्वी शासक थे। जिन्हें विशेष रूप से अहिंसा, समानता, सामाजिक न्याय और आर्थिक समृद्धि के सिद्धांतों के लिए जाना जाता है। वे अग्रोहा नगर के संस्थापक माने जाते हैं, जो आज हरियाणा राज्य में स्थित है। अग्रवाल समाज के पूर्वज माने जाने वाले महाराजा अग्रसेन ने अपने राज्य में व्यापार, कृषि और सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक यह थी कि उन्होंने राज्य में युद्ध को निषिद्ध किया और आर्थिक नीतियों को प्रोत्साहित करते हुए “एक ईंट और एक रुपया” की परंपरा शुरू की। इस नीति के तहत, जब भी कोई नया व्यक्ति उनके नगर में बसता था, तो प्रत्येक नागरिक उसे एक ईंट और एक रुपया दान करता था, ताकि वह घर और व्यवसाय शुरू कर सके। यह सामाजिक सहयोग और आर्थिक पुनर्निर्माण की मिसाल बन गया। उनकी दूरदृष्टि, नीति, और दानशीलता के कारण उन्हें आज भी एक आदर्श शासक और समाज सुधारक के रूप में पूजा जाता है।