Baba Vanga ने अंतरिक्ष को लेकर की ये भविष्यवाणी (Photo- IANS)
इन दिनों सोशल मीडिया पर Baba Vanga का नाम छाया हुआ है। उनकी 2025 में दुनिया के तबाह होने संबंधी भविष्यवाणी से लोगों की रात की नींद उड़ी जा रही है। बाबा का नाम इतना ज्यादा लोकप्रिय हो गया है कि हर कोई उन्हें नास्त्रेदमस के बराबर आंक रहा है। आखिर कौन हैं या Baba Vanga कोई AI अवतार या वाकई को पुण्य आत्मा।
Baba Vanga दरअसल बुलगारिया की 20वीं शताब्दी की जानमानी भविष्य बताने वाली महिला थीं। वह भविष्य की आपदाओं की सटीक भविष्यवाणी करती थीं। मसलन प्रिंसेज डायना की कार एक्सीडेंट में मौत या आतंकी हमले की भविष्यवाणी।
कब मिली दिव्यदृष्टि
बाल्कन के नास्त्रेदमस के रूप में विख्यात वैंगेलिया पांडेवा गुश्तेरोवा का जन्म 3 अक्टूबर 1911 को सलोनिका में हुआ था, जो उस समय ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था। 12 साल की उम्र बाबा वेंगा की आंखों की रोशनी चली गई। लेकिन उन्हें दिव्यदृष्टि मिल गई। इसके बाद वह भावी घटनाओं का अनुमान लगाने लगीं और धीरे-धीरे दुनिया में लोकप्रिय हो गईं। 1996 में 86 साल की होकर उनती मौत हो गई।
उनकी पहले की गई भविष्यवाणी
1- एशिया में 2025 में आएगी तबादी
उन्होंने 2025 में एशिया में एक बड़ी तबाही का जिक्र किया था। उनके मुताबिक जापान के पास एक बड़ी प्राकृतिक आपदा आएगी। बाबा वेंगा ने सुनामी की भविष्यवाणी की थी, जो समुद्र के पास बसे देशों जैसे यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सो में तबाही का कारण बनेगा।
2- ग्लोबल इकोनॉमी गिरेगी
2025 में उन्होंने वैश्विक आर्थिक पतन होने की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा था कि कुछ बड़े बाजारों में फाइनेंशियल अनस्टेबिलिटी आने के बाद यह पूरी दुनिया में फैल जाएगा। इससे बेरोजगारी, वित्तीय बर्बादी और बड़े वित्तीय संगठनों का पतन होगा।
3- अंतरिक्ष में नई खोज
2025 में कुछ नए अंतरिक्ष मिशन और दूसरे ग्रहों पर जीवन का पता चलेगा। बाबा वेंगा ने संभावना जताई थी कि लोग धरती से अलग जीवन के बारे में जान पाएंगे। अंतरिक्ष अन्वेषण, मंगल मिशन और दूसरे ग्रहों पर जीवन तलाशने के प्रति रुचि और खर्चा बढ़ेगा।
4- नई बीमारियों का प्रकोप
बाबा वेंगा ने इस साल Covid 19 जैसी महामारी फैलने का खतरा भी जताया था। उनके मुताबिक नए जैविक खतरे दुनिया में महामारी का रूप ले सकते हैं। मौसमी बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं।
एक्सपर्ट कहते हैं कि बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से हमें डरना नहीं बल्कि गंभीरता से लेना चाहिए। क्योंकि ये कुछ हद तक हमें अपनी जिंदगी में बदलाव लाने या कुछ गलत किया हो तो उसमें सुधार के बारे में सोचने को मजबूर करते हैं। प्रकृति और संसार के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।