‘लोग स्वेच्छा से हो रहे शामिल’
कोर्ट ने याचिका की एक प्रति अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल के कार्यालय को मुहैया कराने का निर्देश दिया, ताकि मामले में उनकी सहायता ली जा सके। कोर्ट ने कहा कि आप इस गलतफहमी में हैं कि इन गतिविधियों को कानून के ज़रिए रोका जा सकता है। लोग स्वेच्छा से इसमें शामिल हो रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा जिस तरह हम लोगों को हत्या करने से नहीं रोक सकते, उसी तरह कोई कानून लोगों को सट्टेबाजी और जुआ खेलने से नहीं रोक सकता।
याचिकाकर्ता ने किया ये दावा
याचिकाकर्ता के.ए. पॉल ने दावा किया कि अभिनेता, इन्फ्लुएंसर, साथ ही एक प्रमुख क्रिकेटर, इन ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं, जिससे युवा सट्टेबाजी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने इसे जुआ घोषित कर प्रतिबंधित करने की मांग की, यह कहते हुए कि यह समाज के लिए हानिकारक है।
तेलगांना की मौतों का किया जिक्र
याचिकाकर्ता ने कहा कि यहां पर मैं उन लाखों माता-पिता की ओर से हूं, जिनके बच्चे मर गए। तेलंगाना में 1023 लोगों ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में कई एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि लोगों पर सट्टेबाजी ऐप का बहुत बुरा असर पड़ रहा है। IPL के दौरान कर रहे प्रचार
याचिकाकर्ता ने कहा कि सट्टेबाजी से जुड़े ऐप के मामले में कोई सावधानी नहीं बरती गई। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटरों ने भी आईपीएल के दौरान ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले ऐप का प्रचार किया।