पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश का अलर्ट
आईएमडी ने असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में 3 से 5 जून तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश (20 सेंटीमीटर से अधिक) की संभावना भी जताई गई है। मेघालय और असम में पहले ही बारिश से संबंधित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें भूस्खलन और डूबने की घटनाएं शामिल हैं। मौसम विभाग ने इन राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ने की आशंका जताई है।दक्षिण भारत में भी मानसून का कहर
केरल, तटीय कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में 5 जून तक भारी बारिश की संभावना है। केरल में पहले ही आठ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था, और अब भी कई क्षेत्रों में भारी बारिश का अनुमान है। तटीय कर्नाटक में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि तेज हवाओं (40-50 किमी/घंटा) और ऊंची समुद्री लहरों का अनुमान है।मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम का मिजाज
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में 2 से 5 जून तक गरज और तेज हवाओं (50-70 किमी/घंटा) के साथ बारिश की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 2 से 3 जून तक गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। दिल्ली में भी 3 जून को हल्की बारिश और तेज हवाओं का अनुमान है।11-12 जून को मजबूत होगा मानसून
IMD के वैज्ञानिक एसडी सनप के अनुसार कुछ दिनों में बारिश का प्रकोप कम देखने को मिलेगा लेकिन 11-12 जून से मानसून मजबूत की आशंका जताई जा रही है।मौसम का असर और सावधानियां
बाढ़ और भूस्खलन का खतरा: भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में बाढ़ और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। लोगों को नदी-नालों और पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।कृषि पर प्रभाव: समय से पहले मानसून की शुरुआत से किसानों को लाभ मिल सकता है, लेकिन अत्यधिक बारिश फसलों को नुकसान भी पहुंचा सकती है।