पाकिस्तान को उसके पापों की सजा मिले’- खरगे ने दिलाया भारत का दर्द
खरगे ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने के लिए वैश्विक मंचों पर जवाबदेह ठहराना जरूरी है। भारत और पाकिस्तान की तुलना करना ही गलत है, क्योंकि भारत ने आतंकवाद को झेला है जबकि पाकिस्तान उसे बढ़ावा देता रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान को उसके आतंकी कृत्यों के लिए दंड नहीं दिया जाएगा, तब तक शांति असंभव है।
मनमोहन सरकार की कार्रवाई का हवाला, एफएटीएफ की वापसी की मांग
खरगे ने याद दिलाया कि 2008 और 2012 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF grey list Pakistan) की ग्रे सूची में डलवाया था। इससे पाकिस्तान की आर्थिक गतिविधियों पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी बढ़ गई थी, जिससे आतंकी फंडिंग पर आंशिक रोक लगी थी। उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए फिर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने की मांग की।
आर्थिक मदद का दुरुपयोग कर रहा पाक, खरगे ने जताई चिंता
खरगे ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं- IMF, ADB और वर्ल्ड बैंक की ओर से पाकिस्तान को दिए जा रहे बेलआउट पैकेज और कर्ज पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह पैसा विकास के बजाय पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों और आतंकी नेटवर्क को ताकत देने में खर्च किया जा रहा है, जो सीधे तौर पर वैश्विक सुरक्षा को खतरा है।
खरगे की चेतावनी – आतंक पर चुप्पी नहीं चलेगी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत की जनता, राजनीतिक नेतृत्व और सुरक्षा एजेंसियां आतंक के खिलाफ एकजुट हैं। पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाना ही समय की मांग है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि वह दोहरापन न अपनाए और आतंक पर जीरो टॉलरेंस दिखाए।
यह वही कांग्रेस है जो पाक को ‘दंडनीय’ कहने से भी बचती थी : भाजपा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान ने विपक्षी खेमे में हलचल मचा दी है। भाजपा प्रवक्ताओं ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह वही कांग्रेस है जो अतीत में पाकिस्तान को ‘दंडनीय’ कहने से भी बचती थी। वहीं, सुरक्षा विशेषज्ञों ने खरगे के इस बयान को ‘जरूरी कूटनीतिक दबाव’ बताया है। सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर बहस छिड़ गई है – कई लोग इसे “भारत की सख्त आवाज़” कह रहे हैं।
भारत का अगला कदम क्या हो सकता है?
क्या भारत सरकार अब FATF और UNSC में औपचारिक विरोध दर्ज कराएगी? क्या भारत पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय पदों पर नामांकन को चुनौती देगा? क्या खरगे का यह बयान कांग्रेस के विदेश नीति रुख में बदलाव का संकेत है? इन सवालों पर अगले 48 घंटों में राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों से बड़ी प्रतिक्रिया आ सकती है।
FATF ग्रे लिस्ट पर राजनीति
पाकिस्तान को फिर से ग्रे सूची में डलवाने की मांग कहीं अंतरराष्ट्रीय सहयोग की नई लहर का संकेत तो नहीं?
आर्थिक दबाव बनाम रणनीतिक उदारता
IMF और वर्ल्ड बैंक की फंडिंग पर सवाल उठाना क्या वैश्विक संस्थाओं की दोहरी नीति पर भारत की नाराजगी है? कांग्रेस बनाम भाजपा की विदेश नीति तुलना
क्या कांग्रेस अब अधिक आक्रामक कूटनीति के समर्थन में है ?