दिल्ली पहुंची राजीव ज्योति सद्भावना यात्रा
बता दें कि राजीव ज्योति सद्भावना यात्रा दिल्ली पहुंच गई है। इस ज्योति को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्राप्त किया। यह यात्रा 9 अगस्त को श्रीपेरंबदूर में शुरू हुई थी।
सद्भावना दिवस का महत्व
भारत में सद्भावना दिवस का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह विविध पृष्ठभूमि, धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के बीच एकता और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह दिवस विविधता को अपनाने, मतभेदों का सम्मान करने और राष्ट्र निर्माण के साझा लक्ष्य की दिशा में मिलकर काम करने के महत्व पर जोर देता है।
कार्यक्रम किए जाते है आयोजित
बता दें कि इस दिन विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है, जिनमें सेमिनार, चर्चाएँ और राजीव गांधी द्वारा समर्थित एकता और शांति के मूल्यों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी कार्यक्रम आयोजित होते है।
40 साल की आयु में बने पीएम
राजीव गांधी 40 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा पीएम बने थे। उन्होंने देश के विकास में बहुत योगदान दिया है। प्रधानमंत्री के रूप में 1985 में राजीव गांधी ने दलबदल विरोधी कानून लागू किया। इस कानून ने निर्वाचित सांसदों और विधानसभाओं के सदस्यों को अगले चुनाव तक विपक्षी दलों में शामिल होने से रोक दिया, जिसका उद्देश्य राजनीतिक गठबंधनों को स्थिर करना और अवसरवादी दलबदल को रोकना था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरू
राजीव गांधी ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति शुरू की। इसी साल उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय प्रणाली की स्थापना की। उनके नेतृत्व में भारत में डिजिटल क्रांति, शिक्षा और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने जैसे कार्य हुए।
राजीव गांधी ज्योति सद्भावना यात्रा का उद्देश्य
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृति में हर साल आयोजित होने वाली राजीव गांधी ज्योति सद्भावना यात्रा देश में एकता, शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह यात्रा पिछले 34 वर्षों से लगातार आयोजित की जा रही है, जो राजीव गांधी के बलिदान और उनके द्वारा प्रचारित मूल्यों को जीवित रखने का प्रतीक है।