भाजपा को क्यों नहीं होती एंटी-इनकंबेंसी?
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा को कभी भी सत्ता विरोधी लहर (एंटी-इनकंबेंसी) का नुकसान नहीं होता। उन्हें अक्सर अप्रत्याशित और बड़ी जीत मिलती है। उन्होंने ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल के लगातार गलत साबित होने, मीडिया के प्रचार माहौल और चुनाव कार्यक्रम की ‘कोरियोग्राफी’ को लेकर भी सवाल उठाए।
वोटर लिस्ट में हेराफेरी के आरोप
राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान उन्हें गड़बड़ियों की असली तस्वीर दिखने लगी। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीने में जितने वोटर जुड़े, उतने पिछले 5 साल में नहीं जुड़े थे। कई जगह तो वोटर की संख्या इलाके की कुल आबादी से भी ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि 5 बजे के बाद मतदान में अचानक उछाल देखा गया, लेकिन मतदान केंद्रों पर कोई भीड़ नहीं थी। इससे संदेह और गहराया।
ईसी पर डिजिटल डेटा छुपाने का आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, अगर हमें डिजिटल कॉपी मिलती तो हम 30 सेकंड में पूरा डेटा स्कैन कर लेते। लेकिन हमें सात-फुट लंबे पेपर बंडल दिए गए, जिन्हें पढ़ने में हमारी टीम को छह महीने लगे। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक विधानसभा सीट के डेटा के लिए 30-40 लोगों की टीम को दिन-रात मेहनत करनी पड़ी।
कर्नाटक में 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोट?
राहुल गांधी ने कर्नाटक की महादेवपुरा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 1,00,250 वोटों की हेराफेरी हुई है। उन्होंने पांच तरह की गड़बड़ियों की बात की— डुप्लीकेट वोटर, अमान्य या फर्जी पते, एक पते पर कई वोटर, अमान्य फोटो और फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल।
जनता को पारदर्शिता का अधिकार है
राहुल गांधी ने मांग की कि चुनाव से जुड़ा कोई भी रिकॉर्ड नष्ट नहीं किया जाना चाहिए और जनता को हर जानकारी तक पहुंच मिलनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की टीम इस पूरी प्रणाली को समझ चुकी है और वह इसे जनता के सामने बेनकाब करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग द्वारा सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल रिकॉर्ड से इनकार किया जाना पारदर्शिता को खत्म करने का प्रयास है। राहुल ने कहा कि यह सिर्फ चुनाव की बात नहीं, लोकतंत्र की आत्मा पर हमला है।
चुनाव आयोग निष्पक्ष पर संदेह
राहुल गांधी ने कहा कि जब तक चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है, तब तक EVM या मैनुअली चुनाव कराने से कुछ नहीं होगा। अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष काम करे और चुनाव मैनुअली किया जाए, तब कुछ हो सकता है। लेकिन यहां तो अम्पायर (चुनाव आयोग) ही दूसरी टीम का है, इसलिए आप कुछ भी कर लीजिए, कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
राहुल गांधी के आरोपों पर भड़की बीजेपी
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर उठाए गए सवालों पर पलटवार किया। संबित पात्रा ने राहुल गांधी के आरोपों पर आपत्ति जताई और कहा कि आज राहुल गांधी के शब्द थे, अगर मेरी प्रेस वार्ता पर जवाब नहीं आया, तो घातक परिणाम होंगे। संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, आज हमने राहुल गांधी की प्रेस वार्ता को देखा, और यह कोई पहली बार नहीं है कि राहुल किसी संवैधानिक संस्थान पर हमला करते हुए नजर आए। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक के चुनाव को कटघरे में खड़ा किया।