गिर नस्ल की गाय भी ऑनलाइन मिल रही है। ( फाइल फोटो- पत्रिका)
भारत में वैसे तो कई तरह की देसी गायें पाई जाती हैं, लेकिन 10 नस्ल की गायें ऐसी हैं जो ज्यादा लोकप्रिय हैं। इनमें साहीवाल नस्ल की गाय सर्वाधिक दूध देने वाली देसी गाय है। यह औसतन 15 से 18 लीटर दूध रोजाना देती है। इसके अलावा दूध देने के मामले में गिर, राठी, थारपारकर और रेड सिंधी का नंबर आता है। वहीं दक्षिण एशिया की प्रमुख नस्लों में नेलोर, ब्राह्मन, गुजेरत और जेबू गाय शामिल है। इनके अलावा एक और नस्ल है, जो अपने कद और दूध की विशेषता को लेकर चर्चा में है। उसका नाम Punganur गाय है। उसका कद एक ग्रेट डेन कुत्ते से भी छोटा है, लेकिन उसके दूध में क्रीम से भी ज्यादा चिकनाई और औषधीय गुण हैं। यह नस्ल आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुङ्गनूर कस्बे से ताल्लुक रखती है।
Punganur गाय का नाम उसके जन्मस्थल, आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुङ्गनूर कस्बे पर पड़ा है। यह नस्ल लगभग 15वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य के समय विकसित हुई थी, जब ओंगोल गायों को इस क्षेत्र में लाया गया था। इसके बाद स्थानीय पहाड़ी गायों और पाकिस्तान की साहिवाल नस्ल के साथ क्रॉस-ब्रीडिंग से पुङ्गनूर का जन्म हुआ। इसके पीछे पुङ्गनूर के शासकों का योगदान माना जाता है, जो इसे दूध उत्पादन और हल्के कृषि कार्यों के लिए पालते थे।
आकार में छोटी, गुणों में बेमिसाल
Punganur Cow दुनिया की सबसे छोटी कूबड़ वाली देसी गायों में से एक है। 1- Punganur Cow की ऊंचाई केवल 70–90 सेंटीमीटर होता है। 2- Punganur Cow का वजन औसतन 115–200 किलो तक होता है। यह सफेद, हल्के भूरे, भूरे या लाल रंग की होती है।
3- Punganur Cow स्वभाव से बेहद शांत, मिलनसार और बच्चों व बुजुर्गों के लिए उपयुक्त होती है। इसके सींग छोटे और अर्द्धचंद्राकार होते हैं। गायों में ये आगे की ओर झुके होते हैं, जबकि बैलों में पीछे की ओर मुड़े होते हैं।
4- Punganur Cow की पूंछ लंबी और पतली होती है। यह बेहद कम चारे में भी जीवित रह सकती है और सूखे-गर्म इलाकों के लिए एकदम अनुकूल है।
दूध का वैज्ञानिक भी मानते हैं लोहा
आमतौर पर गाय का दूध 3 से 5% फैट कंटेंट वाला होता है, लेकिन Punganur Cow के दूध में यह 8% तक होता है, यानी दोगुने से भी अधिक। ये हैं खासियतें :
1- Punganur Cow का दूध ओमेगा फैटी एसिड्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। 2- इसे नियमित रूप से पीने से Heart Diesase, मधुमेह, मानसिक रोगों में फायदा होता है।
3- Punganur Cow के दूध से बना घी औषधीय होता है और इसे आयुर्वेद में विशेष महत्व दिया गया है। 4- औसतन यह Punganur Cow 3 से 5 लीटर दूध रोजाना देती है और उसका चारा खर्च सिर्फ 5 किलो प्रतिदिन होता है।
वैज्ञानिक क्या कहते हैं
वैज्ञानिक बताते हैं कि भारतीय गायों के दूध में एक खास प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है, जो न केवल शरीर के रोगों से लड़ने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति व हार्ट को भी मजबूत बनाता है।
Punganur Cow जैसी देसी नस्लों में Sun gland मानी जाती है, जो सूरज की किरणों से ऊर्जा लेकर दूध को औषधीय बनाती है, यह वैज्ञानिक शोधों में भी सामने आया है। अब यह नस्ल विलुप्त होने के कगार पर है। इसलिए आंध्र प्रदेश के प्रजनन केंद्र इस नस्ल को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
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