भारत सरकार के प्रमुख कदम
सिंधु जल समझौता निलंबित: भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जल शक्ति मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान को एक बूंद पानी नहीं मिलेगा।” पाकिस्तान ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया। अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: भारत ने पंजाब में अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट को बंद कर दिया, जिससे द्विपक्षीय आवाजाही रुक गई। केवल वैध दस्तावेजों वाले लोग 1 मई तक लौट सकते हैं। पाकिस्तानी वीजा रद्द: सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा (SAARC और मेडिकल वीजा सहित) रद्द कर दिए गए। पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। कई राज्यों में पुलिस ने इसकी निगरानी शुरू की।
पाकिस्तानी दूतावास पर कार्रवाई: भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने और राजनयिकों को एक सप्ताह में वापस भेजने का फैसला किया। पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को निष्कासित कर दिया गया।
हवाई क्षेत्र प्रतिबंध: भारत ने 30 अप्रैल को पाकिस्तानी उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। जवाब में, पाकिस्तान ने भी भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद किया। आतंकियों के घरों पर कार्रवाई: कश्मीर में संदिग्ध आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया गया। शोपियां और कुलगाम जिलों में दो घरों को नष्ट किया गया।
सुरक्षा बलों को खुली छूट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को जवाबी कार्रवाई के लिए “पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता” दी, जिसमें हमले का तरीका, लक्ष्य और समय चुनने की आजादी शामिल है।
सैन्य और जांच कार्रवाई
जांच: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले की जांच शुरू की। तीन संदिग्धों (दो पाकिस्तानी और एक स्थानीय) की स्केच जारी की गई। डिजिटल और फॉरेंसिक सबूतों से पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची में सुरक्षित ठिकानों का पता चला। सुरक्षा अभियान: भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। पहलगाम में अस्थायी लॉकडाउन लगाया गया और पीर पंजाल रेंज में आतंकियों की तलाश के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए।
एलओसी पर तनाव: नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी की घटनाएं बढ़ीं। 28-29 अप्रैल की रात को कुपवाड़ा, बारामूला और अखनूर सेक्टरों में पाकिस्तानी सेना ने गोलीबारी की, जिसका भारत ने जवाब दिया।
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री का बयान: नरेंद्र मोदी ने कहा, “हर आतंकी और उनके समर्थकों को धरती के किसी भी कोने से ढूंढकर सजा दी जाएगी।” विपक्ष का समर्थन: राहुल गांधी, मायावती और अन्य विपक्षी नेताओं ने सरकार के हर कदम का समर्थन किया। राहुल गांधी ने कहा, “यह समय राजनीति का नहीं, एकजुटता का है।” अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूएई और सऊदी अरब ने तनाव कम करने की अपील की। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों से जांच में सहयोग की बात कही।
फारूक अब्दुल्ला का बयान
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के आदेश पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने इस फैसले को “अमानवीय” करार देते हुए कहा कि जो लोग 50 साल से भारत में रह रहे हैं, उन्हें इस तरह बाहर करना गलत है।
पहलगाम में सामान्य हो रहे हालात
पहलगाम आतंकी हमले के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। हमले के बाद पर्यटन में आई भारी गिरावट के बावजूद, अब पर्यटक फिर से कश्मीर घाटी की ओर रुख कर रहे हैं। स्थानीय लोग और प्रशासन पर्यटकों को सुरक्षित और स्वागतपूर्ण माहौल देने के लिए प्रयासरत हैं।
वियतनाम से आए पर्यटक
वियतनाम से आए एक पर्यटक ने कहा, “मैंने इस खबर के बारे में सुना… लेकिन मैं यहां आना चाहता था… यहां के लोग स्वागत करने वाले हैं, वे हमारी रक्षा करते हैं और हमारे साथ अच्छा व्यवहार करते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि कश्मीर खूबसूरत है और धरती पर स्वर्ग है…”