सड़क नहीं होने के चलते गांव तक नहीं पहुंची एम्बुलेंस
सूत्रों के मुताबिक, यह घटना जिले के तुमडिबंध ब्लॉक के मुंडिगाड़ा पंचायत के डुमेरिपाड़ा गांव में हुई है। बालमाडु माझी को शुक्रवार रात को सोते समय एक सांप ने काट लिया था। जिसके बाद तुरंत परिवार ने एम्बुलेंस बुलाई, जो कि उनके घर से आठ किलोमीटर दूर सरमुंडी तक पहुंच गई थी, लेकिन सड़क नहीं होने के चलते उनके गांव तक नहीं आ पाई। इसके बाद कोई विकल्प नहीं होने के चलते रजनी ने खुद से अपनी मां को एम्बुलेंस तक पहुंचाने का फैसला लिया।
पीठ पर मां को लादकर एम्बुलेंस तक पैदल चली रजनी
रजनी ने अपनी मां को पीठ पर लादा और वह उबड़-खाबड़ जंगली रास्ते से होते हुए पांच किलोमिटर तक पैदल चलती रही। इसके बाद आगे के तीन किलोमिटर उसने एक बाइक की मदद से तय किए और अपनी मां को एम्बुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद बालामाडू को सबसे पहले तुमडीबांध स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और बाद में बालिगुडा उप-मंडलीय अस्पताल (एसडीएच) में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम के बाद खाट पर शव को लेकर गया परिवार
पोस्टमार्टम के बाद, परिवार को एक खाट पर बालिगुडा के शव को अपने घर ले जाना पड़ा। मृतका के परिवार और गांव वालों ने खराब सड़कों और समय पर इलाज न मिल पाने को उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बालिगुडा के रजनी के अलावा तीन भाई थे। परिवार ने बताया कि बालिगुडा के पति की मौत भी इसी तरह हुई थी। इस घटना ने आदिवासी समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, और उपेक्षित आदिवासी क्षेत्रों में तत्काल बुनियादी ढांचे के विकास की नई मांगें उठाई गई हैं।