क्यों लागू किया गया नियम?
NHAI के अनुसार, कुछ वाहन चालक जानबूझकर फास्टैग को गाड़ी की विंडशील्ड पर नहीं चिपकाते और टोल प्लाजा पर हाथ से स्कैन कराते हैं। इससे टोल कलेक्शन सिस्टम में कई समस्याएं पैदा होती हैं- - स्कैनिंग में देरी: लूज फास्टैग के कारण स्कैनिंग प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
- गलत चार्जबैक: गलत टोल वसूली और शिकायतें बढ़ती हैं।
- टोल सिस्टम में गड़बड़ी: कुछ लोग एक ही फास्टैग को कई वाहनों में इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, जो टोल सिस्टम को धोखा देने जैसा है।
- ट्रैफिक जाम: इससे टोल प्लाजा पर भीड़ बढ़ती है, जिससे अन्य यात्रियों को असुविधा होती है।
NHAI ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए यह कदम जरूरी है। खासकर, आगामी ‘एनुअल पास सिस्टम’ और ‘मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF)’ टोलिंग सिस्टम के लिए फास्टैग की सही स्थिति और विश्वसनीयता महत्वपूर्ण है।
क्या है नियम?
- तुरंत ब्लैकलिस्टिंग: अगर फास्टैग विंडशील्ड पर ठीक से नहीं चिपका है, तो टोल कर्मचारी इसे ‘लूज फास्टैग’ के रूप में NHAI को रिपोर्ट करेंगे। इसके लिए एक समर्पित ईमेल आईडी दी गई है। रिपोर्ट मिलते ही NHAI तुरंत फास्टैग को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर देगा, जिसके बाद वह टैग काम नहीं करेगा।
- केवल एक वाहन, एक फास्टैग: पहले से लागू ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ नियम के तहत, एक टैग को कई वाहनों में इस्तेमाल करना गैरकानूनी है।
- KYC जरुरी: सभी फास्टैग उपयोगकर्ताओं को अपने बैंक या डिजिटल वॉलेट के साथ KYC पूरा करना होगा।
- निष्क्रिय टैग पर कार्रवाई: 30 दिनों से अधिक समय तक निष्क्रिय या बार-बार दुरुपयोग करने वाले टैग को भी ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।
ब्लैकलिस्ट होने का क्या होगा?
टोल पर नकद भुगतान: अगर आपका फास्टैग ब्लैकलिस्ट हो जाता है, तो आपको टोल प्लाजा पर नकद भुगतान करना होगा, जहां यह सुविधा उपलब्ध है। अन्यथा, फास्टैग-एक्सक्लूसिव लेन में प्रवेश नहीं मिलेगा।
नया टैग लेना होगा: ब्लैकलिस्ट टैग को दोबारा सक्रिय करने के लिए आपको अपने बैंक या वॉलेट प्रदाता से संपर्क करना होगा। टैग को विंडशील्ड पर ठीक करना, बैलेंस रिचार्ज करना और KYC पूरा करना जरूरी होगा। इसके बाद ही टैग फिर से सक्रिय हो सकता है, जिसमें समय और मेहनत लगेगी।
कानूनी कार्रवाई: बार-बार नियम तोड़ने पर भविष्य में सख्त कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
क्या करें वाहन चालक?
फास्टैग को हमेशा वाहन की विंडशील्ड पर स्थायी रूप से चिपकाएं। टैग को हाथ में पकड़कर या डैशबोर्ड पर रखकर स्कैन कराने से बचें। समय-समय पर फास्टैग का बैलेंस और वैधता जांचें। टोल प्लाजा पर सुचारू यात्रा के लिए UPI या बैंक खाते से ऑटो-रिचार्ज सेट करें।
क्यों है जरुरी?
NHAI का यह कदम टोल संग्रह को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। 98% से अधिक प्रवेश दर के साथ, फास्टैग ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को क्रांतिकारी बना दिया है। लेकिन लूज फास्टैग जैसी प्रथाएं सिस्टम की दक्षता को प्रभावित करती हैं। NHAI का लक्ष्य टोल चोरी को रोकना, ट्रैफिक जाम को कम करना और यात्रियों के लिए सुगम यात्रा सुनिश्चित करना है।