इस तरह के मामलों में व्यवस्थागत सुधार होना चाहिए
बताया जाता है कि महिला वकील के पूर्व पार्टनर ने उसकी सहमति के बिना अंतरंग पलों की तस्वीरें अश्लील वेबसाइटों, मैसेजिंग ऐप्स और सोशल मीडिया पर शेयर की। जस्टिस वेंकटेश ने कहा कि महिला बेहद मानसिक पीड़ा से गुजर रही है। अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भी प्रतिवादी बनाया और सभी हितधारकों को निर्देश जारी करने को कहा। अदालत ने कहा कि इस मुद्दे में महिलाओं को इसी तरह के उत्पीड़ने से बचाने के लिए व्यवस्थागत सुधार की आवश्यकता है।
48 घंटे के भीतर करें ठोस कार्रवाई
मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्रायल को 48 घंटे के भीतर तस्वीरों और वीडियो का पता लगाने और उन्हें ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि 14 जुलाई को संबंधित अधिकारियों को अनुपालन रिपोर्ट सौंपनी होगी। पीड़िता ने कहा कि उसके पूर्व पार्टनर ने चुपके से अंतरंग पलों को रिकॉर्ड कर लिया। हाल में उसने यह वीडियो वायरल कर दिए। पीड़िता ने 1 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता ने पूर्व पार्टनर और एक व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन को आरोपी बनाया, लेकिन इस मामले में पुलिस और मंत्रायल ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।