script‘बलात्कार पीड़िता को घंटों तक एंबुलेंस में कराया इंतजार’, पटना के सरकारी अस्पताल में नाबालिग की मौत, राहुल गांधी ने उठाए सवाल | Made to wait in ambulance for hours’: Rape victim, a minor, dies at Patna govt hospital, rahul gandhi tweets | Patrika News
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‘बलात्कार पीड़िता को घंटों तक एंबुलेंस में कराया इंतजार’, पटना के सरकारी अस्पताल में नाबालिग की मौत, राहुल गांधी ने उठाए सवाल

मुजफ्फरपुर में नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म के बाद PMCH में इलाज में लापरवाही से मौत। सिस्टम की संवेदनहीनता और प्रशासन की विफलता पर उठे सवाल। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग।

भारतJun 02, 2025 / 08:17 am

Siddharth Rai

पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल

बिहार से एक बेहद दर्दनाक और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। दुष्कर्म का शिकार हुई एक नाबालिग लड़की को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) के बाहर घंटों तक एंबुलेंस में इंतजार कराया गया। भारी मशक्कत के बाद पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन चोट इतनी गंभीर थी कि नाबालिग की अगली सुबह मौत हो गई।

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अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को ठुकराया

पटना मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने इस मामले में लगे सभी आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। उनका कहना है कि जैसे ही उन्हें इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत कार्रवाई कर लड़की का इलाज शुरू कर दिया था।

पीड़िता के चाचा का दर्दनाक बयान

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के चाचा ने बताया, “जब हम शनिवार को दूसरे अस्पताल से PMCH पहुंचे, तो इमरजेंसी विभाग के स्टाफ ने कहा कि यहां जगह नहीं है। उन्होंने हमें कई वार्डों में भटकाया, लेकिन कहीं भी जगह नहीं मिली। अंततः हमें बाल रोग विभाग की ओर भेजा गया। बेटी घंटों एम्बुलेंस में इंतजार करती रही। केवल कुछ नेताओं के हस्तक्षेप के बाद शाम लगभग 5 बजे उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, उसकी रविवार सुबह मौत हो गई।”

कांग्रेस का विरोध और सोशल मीडिया पर बवाल

जब लड़की एम्बुलेंस में इंतजार कर रही थी, उसी दौरान कांग्रेस के बिहार अध्यक्ष राजेश राम के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता PMCH पहुंचे और इस लापरवाही का विरोध किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता और उसके इलाज में हुई लापरवाही बेहद शर्मनाक है। यदि समय पर इलाज होता, तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन डबल इंजन सरकार न सिर्फ सुरक्षा देने में नाकाम रही, बल्कि जान बचाने में भी लापरवाह साबित हुई। हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलता। दोषियों और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”

अस्पताल प्रशासन की सफाई

PMCH के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. इंद्रशेखर ठाकुर ने कहा, “अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई। लड़की को शनिवार दोपहर 1:23 बजे मुजफ्फरपुर से एम्बुलेंस द्वारा लाया गया था। हमें सूचना मिलते ही इलाज शुरू किया गया। शुरुआती जांच ENT विभाग में की गई, लेकिन चोटें गंभीर थीं, इसलिए उसे गायनोकोलॉजी विभाग में स्थानांतरित किया गया।”
डॉ. ठाकुर ने आगे बताया, “मैं छुट्टी पर था, लेकिन तुरंत अधीक्षक को सूचना दी गई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आने से अस्पताल के बाहर भीड़ जमा हो गई। डॉक्टरों ने एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट वाली एम्बुलेंस में लड़की की प्राथमिक जांच की। गले, सीने और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें थीं, साथ ही यौन उत्पीड़न का भी मामला था। इसलिए, 3:43 बजे तक त्वरित फैसला लिया गया कि उसे गायनोकोलॉजी विभाग में भर्ती किया जाए, क्योंकि ENT विभाग में ICU की सुविधा नहीं है।”
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डॉ ठाकुर ने कहा, “PMCH पर लड़की को चार घंटे या नौ घंटे तक नजरअंदाज करने के आरोप बिल्कुल निराधार हैं। जैसे ही हमें इसकी जानकारी मिली, हम लोगों ने उसके इलाज के लिए हर संभव प्रयास किया। बावजूद इसके, डॉक्टरों की पूरी मेहनत के बाद भी, वह रविवार सुबह लगभग 8:15 बजे अपनी जान गंवा बैठी।”

पुलिस की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी

पुलिस ने बताया कि 26 मई को मुजफ्फरपुर में यह दिल दहला देने वाला दुष्कर्म हुआ था। आरोपी रोहित कुमार साहनी (30) ने लड़की को “कुरकुरे और चॉकलेट” का लालच देकर घर से बुलाया, फिर तालाब के पास सुनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद चाकू से हमला कर उसकी गर्दन काट दी। लड़की को शाम करीब 7 बजे बेहोशी की हालत में तालाब के पास पाया गया। आरोपी को उसी रात गिरफ्तार कर लिया गया।
मुजफ्फरपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विद्या सागर ने बताया, “पीड़िता के शरीर पर कई गंभीर चोटें थीं। गले की चोट की वजह से वह बोल नहीं पा रही थी, लेकिन उसने इशारों से हमसे पूरी बात बताई। आरोपी का पिछले रिकॉर्ड खराब है और वह लड़कियों को परेशान करता रहा है।”

पीड़िता के परिवार का दर्द

लड़की की विधवा मां ने बताया, “आरोपी मछली बेचने हमारे घर आता था। वह बेटी को साथ लेकर गया। मैं बीमार थी इसलिए ध्यान नहीं दे पाई। जब जागी तो बेटी कहीं नहीं मिली। बाद में किसी ने बताया कि वह उसे लगभग 11 बजे अपनी साइकिल पर लेकर गया था।” गांव के मुखिया ने बताया कि वह तालाब के पास पड़ी है। जिसके बाद वह पुलिस के साथ मौके पर पहुंची।
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परिवार ने बताया कि लड़की को पहले SKMCH में पांच दिन तक इलाज मिला, फिर बेहतर इलाज के लिए PMCH भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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