scriptफर्जी खबर चलाने वालों की अब खैर नहीं! 7 साल की जेल और 10 लाख का लगेगा जुर्माना | Karnataka will soon implement law with 7 seven years of jail and fine of Rs 10 lakh for fake news | Patrika News
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फर्जी खबर चलाने वालों की अब खैर नहीं! 7 साल की जेल और 10 लाख का लगेगा जुर्माना

Fake News Law: सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें या भ्रामक जानकारी प्रसारित की गई तो जल्द ही अधिकतम सात साल की जेल या 10 लाख रुपए का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

बैंगलोरJun 22, 2025 / 06:38 am

Shaitan Prajapat

Fake News Law: कर्नाटक में सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें या भ्रामक जानकारी प्रसारित की गई तो जल्द ही अधिकतम सात साल की जेल या 10 लाख रुपए का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। ऐसे प्रावधानों के लिए कर्नाटक सरकार क कड़ा विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार ने ‘कर्नाटक गलत सूचना और फर्जी समाचार (निषेध) विधेयक, 2025’ के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है। जानकार सूत्रों के अनुसार, राज्य मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। इसे विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।

7 साल की जेल और 10 लाख जुर्माने वाला कानून जल्द होगा लागू

विधेयक के मसौदे के मुताबिक सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें या गलत जानकारी साझा करने पर दोषी पाए गए व्यक्ति को अधिकतम 7 साल की सजा या 10 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। सामान्य रूप से भ्रामक सूचनाएं प्रकाशित करने पर दो से पांच साल तक की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है। ये सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती श्रेणी में रखे जाएंगे।

सोशल मीडिया विनियामक प्राधिकरण

प्रस्तावित कानून के तहत राज्य सरकार एक छह सदस्यीय सोशल मीडिया विनियामक प्राधिकरण गठित करेगी, जो सोशल मीडिया पर प्रसारित सामग्री की निगरानी करेगा। यह प्राधिकरण फर्जी खबरों, महिलाओं या धर्म से जुड़ी आपत्तिजनक सामग्री, सनातन धर्म के प्रतीकों या मान्यताओं के विरुद्ध पोस्ट, अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले संदेशों और विज्ञान, इतिहास, दर्शन या साहित्य से जुड़ी गलत सूचनाओं पर नजर रखेगी। प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि सोशल मीडिया पोस्ट में दी गई सामग्री प्रमाणिक शोध और तथ्य पर आधारित हो।
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कंपनियों, निदेशकों, कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

विधेयक में उन कंपनियों के निदेशकों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान है, जो कानून के उल्लंघन के समय सक्रिय भूमिका में पाए जाएंगे। पीड़ित पक्षों को नोटिस का उत्तर देने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा।

विशेष कोर्ट बनेंगे, हाेंगे खास अधिकार

-सैशन कोर्ट स्तर विशेष न्यायालय की स्थापना का प्रस्ताव
-कर्नाटक हाईकोर्ट की सहमति से बनेंगे विशेष कोर्ट
-स्पेशल कोर्ट भ्रामक सामग्री के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, प्रकाशकों, प्रसारकों या अन्य मध्यस्थों को निर्देश जारी करें।
-स्पेशल कोर्ट निर्देश की अवहेलना पर अधिकतम दो वर्ष के साधारण कारावास और प्रतिदिन 25000 के हिसाब से अधिकतम 25 लाख रुपए तक जुर्माने का अधिकार

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