इन गलतियों से रहें सावधान
आय के स्रोत छुपाना: अगर आप अपनी आय के सभी स्रोत, जैसे कि सेविंग्स अकाउंट या FD का ब्याज, किराए की आय, शेयर बाजार से डिविडेंड, कैपिटल गेन, क्रिप्टो मुनाफा, या विदेशी आय को ITR में नहीं दिखाते, तो यह गंभीर गलती मानी जाएगी। आयकर विभाग का AI-संचालित सिस्टम AIS (Annual Information Statement) और फॉर्म 26AS के साथ आपके दस्तावेजों का बारीकी से मिलान करता है। कोई भी विसंगति पकड़े जाने पर नोटिस जारी हो सकता है। गलत ITR फॉर्म चुनना: टैक्सपेयर्स अक्सर अपनी आय के प्रकार के हिसाब से गलत ITR फॉर्म चुन लेते हैं। उदाहरण के लिए, सैलरीड व्यक्ति के लिए ITR-1 या ITR-2 उपयुक्त हो सकता है, लेकिन बिजनेस या कैपिटल गेन की आय के लिए ITR-3 जरूरी है। गलत फॉर्म चुनने से रिटर्न अमान्य हो सकता है।
फर्जी डिडक्शन या छूट का दावा: कई बार लोग टैक्स बचाने के लिए फर्जी डिडक्शन, जैसे कि मेडिकल खर्च, HRA, या दान के नाम पर गलत दावे करते हैं। आयकर विभाग ने हाल ही में ₹1,600 करोड़ की फर्जी डिडक्शन का पता लगाया है। ऐसे मामलों में 50% से 200% तक जुर्माना और 7 साल तक की जेल हो सकती है।
बैंक डिटेल्स में गलती: ITR में बैंक खाते की गलत जानकारी, जैसे गलत IFSC कोड या अकाउंट नंबर, रिफंड में देरी या नोटिस का कारण बन सकता है। सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता प्री-वैलिडेटेड हो।
ई-वेरिफिकेशन न करना: ITR दाखिल करने के बाद 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन करना अनिवार्य है। इसे छोड़ने पर रिटर्न अमान्य हो सकता है, और सेक्शन 234F के तहत ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
ज्यादा रिफंड खर्च करना: अगर गलती से आपके खाते में ज्यादा टैक्स रिफंड आ जाता है, तो उसे खर्च करने से पहले आयकर विभाग को सूचित करें। इसे न लौटाने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
आयकर विभाग की सख्ती
आयकर विभाग ने इस बार AI-संचालित सिस्टम को और मजबूत किया है, जो AIS, फॉर्म 26AS, TDS, GST, और बैंक डेटा का क्रॉस-चेक करता है। हाल ही में विभाग ने 40,000 से अधिक टैक्सपेयर्स को SMS और ईमेल के जरिए गलतियां सुधारने का मौका दिया, जिसके बाद ₹1,045 करोड़ की फर्जी डिडक्शन वापस ली गई। सही ITR दाखिल करने का तरीका
- फॉर्म 26AS और AIS चेक करें: अपनी आय और TDS की जानकारी को फॉर्म 26AS और AIS से मिलाएं।
- सभी आय स्रोत दर्ज करें: छोटी से छोटी आय, जैसे ब्याज या डिविडेंड, को भी शामिल करें।
- दस्तावेज तैयार रखें: डिडक्शन या छूट के दावों के लिए उचित दस्तावेज रखें।
- CA की मदद लें: जटिल आय स्रोतों के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की सलाह लें।
- समय पर दाखिल करें: ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है। देरी से बचें।
गलती सुधारने का तरीका
अगर ITR में कोई गलती हो जाती है, तो घबराएं नहीं। सेक्शन 139(5) के तहत आप 31 दिसंबर 2025 तक रिवाइज्ड या अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) दाखिल कर सकते हैं। इससे जुर्माने और नोटिस से बचा जा सकता है।