क्या है नया नियम?
कार्मिक मंत्रालय द्वारा 22 मई को अधिसूचित किए गए इस संशोधन नियम के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी को अवैध गतिविधियों या कदाचार में लिप्त पाए जाने पर बर्खास्त किया जाता है, तो उसे पेंशन, पारिवारिक पेंशन या अनुकंपा भत्ता जैसे सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिए जाएंगे। यह निर्णय अब संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय की समीक्षा के अधीन होगा, जो यह तय करेगा कि कर्मचारी को कोई लाभ मिलना चाहिए या नहीं।
पहले था यह प्रावधान
पहले के नियमों के तहत, PSU कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने के बावजूद पेंशन या आंशिक सेवानिवृत्ति लाभ दिए जाते थे। मगर अब यह आचरण आधारित बना दिया गया है, यानी यदि सेवा समाप्ति किसी गलत कार्य के चलते हुई है, तो संबंधित व्यक्ति को कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। किन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा यह नियम?
नया संशोधित नियम सभी केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यह नियम रेलवे कर्मचारियों, आकस्मिक या दैनिक वेतनभोगियों, तथा IAS, IPS और IFoS अधिकारियों पर लागू नहीं होगा। इसके अलावा, यह नियम उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर 2003 या उससे पहले नियुक्त किए गए थे।
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यह कदम सरकार के उस अभियान का हिस्सा माना जा रहा है जिसके तहत भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। इस संशोधन से यह संकेत मिलता है कि सरकार अब केवल सेवा काल ही नहीं, बल्कि सेवा समाप्ति के बाद मिलने वाले लाभों को भी कर्मचारियों के आचरण से जोड़ रही है।