विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के सदस्यों की सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और व्यक्तिगत तौर पर किए जा रहे हमलों की वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों, आइएएस एसोसिएशन, सेवानिवृत्त आइएफएस अधिकारियों, राजनयिकों और राजनेताओं ने भरसक निंदा की है। 10 मई को मिसरी ने भारत सरकार की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की थी। व्यक्तिगत हमलों के कारण ही मिसरी को अपना ‘एक्स’ अकाउंट प्राइवेट करना पड़ा। विदेश सचिव की बेटी का मोबाइल नंबर भी वायरल कर दिया गया।
हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए आइएएस एसोसिएशन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘आइएएस एसोसिएशन विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के साथ एकजुट है। ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले सिविल सेवकों पर अनुचित व्यक्तिगत हमले बेहद खेदजनक हैं…।’
यह भी पढ़ें; भारत के हमले के बाद क्या पाकिस्तान में हो गया बड़ा कांड! अटकलें तेज 2011 में विदेश सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुईं निरुपमा मेनन राव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा कि मिसरी और उनके प्रियजनों के लिए शालीनता की हर सीमा को पार करने वाली अभद्र भाषा का इस्तेमाल बेहद शर्मनाक है और यह जहरीली नफरत बंद होनी चाहिए। सेवानिवृत्त आइएफएस अधिकारी और यूएई और मिस्र में पूर्व राजदूत नवदीप सूरी ने भी मिसरी के समर्थन में एक्स पर पोस्ट साझा की।
अवांछित पोस्ट करने वालों पर हो कार्रवाई
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर लंबी पोस्ट साझा करते हुए कहा, इस तरह के बयान देश के लिए समर्पित दिन-रात काम करने वाले ईमानदार अधिकारियों का मनोबल तोड़ते हैं। उन्होंने अवांछित पोस्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
निर्णय तो सरकार का होता है; किसी अधिकारी का नहीं।
ये बेहद संवेदनशील, निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के एक बहुत बड़े अधिकारी और उसके परिवार के ख़िलाफ़ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं लेकिन उनके मान-सम्मान की रक्षा… pic.twitter.com/scIUETtX1e
एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं यह याद रखना चाहिए और उन्हें कार्यपालिका या वतन-ए-अजीज चलाने वाले किसी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए फैसलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।