EC ने दस्तावेज को बताया गलत
बता दें कि चुनाव आयोग ने अब अपने #ECIFactCheck बैनर के तहत एक स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें दस्तावेज़ को “गलत” बताया गया है। ईसी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का वोट महत्वपूर्ण है। बिहार के किसी भी मतदाता ने चुनाव आयोग को ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं दिया है।
आधिकारिक तौर पर नहीं किया प्रस्तुत
ईसी ने खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कोई भी निवास प्रमाण पत्र आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है और न ही किसी चुनावी प्रक्रिया में इसे वैध माना गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रचलन में मौजूद यह दस्तावेज़ राज्य में एसआईआर अभियान के दौरान राजनीतिक विवाद पैदा करने के लिए किया गया हो।
अधिकारियों ने भी किया खंडन
वहीं बिहार के राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भी कहा कि तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसे किसी सरकारी कार्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है। तस्वीर में दिखाई दे रहा प्रमाण पत्र आईडी नंबर और क्यूआर कोड राज्य डेटाबेस में किसी भी वैध प्रविष्टि से मेल नहीं खाता है।
विपक्षी नेताओं ने शेयर की पोस्ट
बता दें कि इस घटना को लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और कार्यकर्ता योगेंद्र यादव सहित नेताओं ने सोशल मीडिया पर एक डॉग के नाम पर जारी आधिकारिक निवास प्रमाण पत्र साझा किया, जिसमें उसकी तस्वीर और माता-पिता का विवरण मज़ाकिया अंदाज़ में “कुत्ता बाबू” और “कुत्तिया देवी” लिखा हुआ था।