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चुनाव आयोग की चूक: बिहार में मतदाता सूची में ‘हसबैंड हसबैंड’ और ‘फादर वोटर आईडी कार्ड’ जैसे नाम, कार्रवाई शुरू

Balrampur Seat: बलरामपुर विधानसभा सीट 2025 के चुनाव में एक रोचक रणक्षेत्र बनने जा रही है। महागठबंधन की मजबूत स्थिति और एनडीए की रणनीतिक कोशिशें इस सीट को चर्चा का केंद्र बनाएंगी।

पटनाAug 03, 2025 / 10:09 pm

Shaitan Prajapat

election commission team reached patna

चुनाव आयोग (Photo-IANS)

Bihar SIR: बिहार में 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची में कई त्रुटियां सामने आई हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग (EC) ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सोशल मीडिया पर इन गलतियों की चर्चा के बाद EC ने कहा कि गलतियां सुधारी जाएंगी और जिम्मेदार बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) के खिलाफ कार्रवाई होगी। ये त्रुटियां मुख्य रूप से सारण जिले की चापरा विधानसभा क्षेत्र से संबंधित हैं।

अजीबोगरीब त्रुटियां

चापरा में एक बूथ की मतदाता सूची में कई हैरान करने वाली गलतियां पाई गईं। उदाहरण के लिए, एक 22 वर्षीय महिला मतदाता के पिता का नाम ‘फादर फादर’, दो महिलाओं के पति का नाम ‘हसबैंड हसबैंड’, एक 21 वर्षीय महिला के पिता का नाम ‘फादर वोटर आईडी कार्ड’, और एक 19 वर्षीय महिला की मां का नाम ‘इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया’ दर्ज था। EC के अनुसार, ये गलतियां मार्च 2025 में जारी दूसरी पूरक मतदाता सूची में भी थीं।

जांच और कार्रवाई का आदेश

सारण के जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारी अमन समीर ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि इन त्रुटियों की जांच शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि ये चार गलत नाम SIR से पहले ही सूची में थे और इन्हें जनवरी 2025 से मार्च 2025 के बीच BLO ऐप के जरिए जोड़ा गया था। संबंधित BLO और नए BLO के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया

EC के अनुसार, 1 अगस्त से 1 सितंबर तक मतदाता और राजनीतिक दल ड्राफ्ट सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं। रविवार दोपहर 3 बजे तक 941 दावे और आपत्तियां मतदाताओं ने दायर कीं, लेकिन राष्ट्रीय या राज्यस्तरीय दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की।

65 लाख नाम हटाए गए

EC के 24 जून के आदेश के तहत, बिहार के 7.89 करोड़ मतदाताओं को 25 जुलाई तक गणना फॉर्म भरना था। महीने भर के इस अभियान में 7.24 करोड़ मतदाता शामिल हुए, जबकि 65 लाख नाम हटाए गए, क्योंकि कुछ मृत थे, कुछ स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए, या कुछ का पता नहीं चला। अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होगी।

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