क्यों दी कुलदीप को सजा
दरअसल, आरोपी कुलदीप को सुबह 10 बजे से 11:40 बजे के बीच दो बार कोर्ट में बुलाया गया और उसका इंतजार भी किया गया। लेकिन इसके बावजूद कुलदीप ने कोर्ट में ज़मानत का बॉन्ड (ज़मानतनामा) जमा नहीं किया। इसी के चलते कोर्ट ने कुलदीप के खिलाफ यह अवमानना का आदेश पारित करते हुए उसे यह अनोखी सजा सुनाई।
कोर्ट ने पारित किया आदेश
आदेश में कहा गया, अदालत का समय बर्बाद करने के लिए, जो पिछली सुनवाई की तारीख को विधिवत जारी किए गए आदेश की अवमानना है, आरोपी व्यक्तियों को अदालत की अवमानना की कार्यवाही के लिए दोषी ठहराया जाता है और उन्हें आईपीसी की धारा 228 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है। आदेश में यह भी कहा गया कि, आरोपी कुलदीप ने अपनी ज़मानत के लिए ज़मानत बांड जमा नहीं किए, जिसके चलते उसे अदालत की हिरासत में लिया जाता है।
आरोपी को भेजा 14 दिन की हिरासत में
कोर्ट ने कुलदीप को अदालत की कार्यवाही समाप्त होने तक अपने हाथ सीधे ऊपर करके अदालत में खड़ा रहने की सजा दे दी। इसके साथ ही उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भी भेजा गया और उसे अगली तारीख पर फिर से पेश करने के निर्देश दिए।