कैसे काम करता था गैंग, सोशल इंजीनियरिंग का जाल
यह गिरोह अवैध कॉल सेंटरों के जरिए देशभर में SBI क्रेडिट कार्ड धारकों को फर्जी कॉल करता था। खुद को बैंक अधिकारी बताकर, वे ‘वन टाइम परमिशन’ और ‘कस्टमर वैल्यू वेरिफिकेशन कोड’ जैसे भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल कर ग्राहकों से OTP और CVV नंबर हासिल करते थे। इनका उपयोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से इलेक्ट्रॉनिक गिफ्ट कार्ड खरीदने और घरेलू हवाई टिकट बुक करने में किया जाता था। गिरोह ने गुप्त तरीकों से ग्राहकों का डेटा, जैसे नाम, मोबाइल नंबर और कार्ड की जानकारी चुराया था।
धोखाधड़ी का पैसा: नकद और क्रिप्टोकरेंसी
पुलिस के अनुसार, गिफ्ट कार्ड्स को ट्रैवल एजेंटों और बिचौलियों को बेचकर गिरोह नकद या USDT (टीथर) क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान लेता था, जिससे धोखाधड़ी का पैसा वित्तीय प्रणाली से गायब हो जाता था। दिलचस्प बात यह है कि गिरोह ने पकड़े जाने के डर से दिल्ली के SBI ग्राहकों को निशाना नहीं बनाया। इस ऑपरेशन में कुल 2.6 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा हुआ।
18 अपराधी गिरफ्तार, कॉल सेंटर सील
दिल्ली पुलिस ने कॉल सेंटर, सिम कार्ड प्रदाता, डेटा चोर और ट्रैवल एजेंटों सहित सभी स्तर के अपराधियों को पकड़ा। डीसीपी (IFSO) हेमंत तिवारी ने बताया कि यह ऑपरेशन जटिल था, क्योंकि गिरोह ने सोशल इंजीनियरिंग और अंदरूनी साठगांठ का इस्तेमाल किया। कॉल सेंटरों को सील कर दिया गया है और जांच जारी है। आम लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनजान कॉल्स पर OTP या CVV साझा न करें।