2022 में CBI को सौंपा मामला
सीबीआई को यह मामला अप्रैल 2022 में सऊदी अरब के अधिकारियों के अनुरोध पर सौंपा गया था। जांच में पता चला कि दिलशाद उस समय रियाद में हेवी मोटर मैकेनिक और सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहा था। हत्या की वारदात के बाद वह फरार हो गया और अपनी पहचान छिपाने के लिए बार-बार पासपोर्ट और दस्तावेज बदलता रहा। उसने धोखाधड़ी से नई पहचान बनाई और कतर, कुवैत, और सऊदी अरब जैसे देशों में यात्राएं की।
दिल्ली में पकड़ा गया आरोपी
सीबीआई ने आरोपी की तलाश में उसके मूल गांव, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में छानबीन शुरू की और उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया। तकनीकी साक्ष्यों और मानव खुफिया जानकारी के आधार पर सीबीआई ने दिलशाद के नए पासपोर्ट का पता लगाया और दूसरा लुकआउट सर्कुलर जारी किया। आखिरकार, 11 अगस्त 2025 को उसे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय पकड़ा गया, जब वह मदीना से जेद्दा होते हुए नई दिल्ली पहुंचा। गिरफ्तारी के समय वह एक फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर रहा था।
जांच में जुटी CBI
वर्तमान में मदीना की एक कंपनी में हेवी व्हीकल मैकेनिक के रूप में कार्यरत दिलशाद को 14 अगस्त 2025 को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सीबीआई ने बताया कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है।