नीतीश की मानसिक हालत ठीक नहीं
प्रशांत किशोर ने कहा कि पूरे बिहार को पता है कि नीतीश कुमार की मानसिक और शरीरिक हालत ऐसी नहीं है कि वह कुछ भी करवा पाएं। वह तो स्टेज पर बैठकर अपने साथ बैठे प्रधानमंत्री का नाम ही भूल जाते हैं। वह राष्ट्रगान बजते समय नहीं समझ पाते हैं कि राष्ट्रगान बज रहा है कि कव्वाली गायी जा रही है। अगर ये बात मुझे या लोगों को समझ में आ रही है तो क्या पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इसे नहीं समझ रहे होंगे। बीजेपी नीतीश को छोड़ना नहीं चाहती
प्रशांत किशोर ने कहा कि यह सब जानने के बावजूद भी BJP नीतीश को चेहरा बना रही है। वह चुनाव तक यही करेगी। उन्होंंने कहा कि बीजेपी बिहार चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार नहीं है। वह अकेले बिहार चुनाव जीतने को लेकर कॉन्फिडेंट भी नहीं है। पहले कभी भी बीजेपी अपने दम पर बिहार में जीत नहीं पाई है। इसलिए बीजेपी के नेता जदयू अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छोड़ना नहीं चाहते हैं।
62 फीसदी लोग बदलाव चाहते हैं
प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी टीम ने एक सर्वे किया है। इसमें बिहार के 62 फीसदी लोग बदलाव की चाहत रखते हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो महीने में पता चल जाएगा कि ये 62 फीसदी लोग किसे वोट करेंगे, क्या वे उन्हें फिर से मौका देंगे, जिन्होंने उन्हें निराश किया है? क्या वह किसी नए को मौका देंगे? कुछ भी हो, लेकिन एक बात तय है कि नवंबर के बाद नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। यह बात मैं लिखकर दे रहा हूं।