कौन है अबुल बरकत
हिंदू अल्पसंख्यकों के हितों के लिए आवाज उठाने के लिए जाने जाने वाले अबुल बरकत साल 2009 में पीएम हसीना के शासनकाल में जनता बैंक के अध्यक्ष रह चूके है। उन्होंने लगभग चार दशकों तक ढाका यूनिवर्सिटी में पढ़ाया है और वह हमेशा से ही कट्टरपंथी इस्लामी विचारधाराओं, खासकर जमात-ए-इस्लामी जैसे समूहों की खुलकर आलोचना करते आए है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खत्म होने की दी थी चेतावनी
साल 2016 में बरकत ने चेतावनी दी थी कि अगर इसी तरह हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले होते रहे और उनकी संपत्तियों को हड़पा जाता रहा तो आने वाले 30 सालों में बांग्लादेश में एक भी हिंदू नहीं बचेगा। उनके इस बयान को लेकर बांग्लादेश में काफी विवाद भी हुआ था।
क्यों किया गिरफ्तार
बरकत को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में एनॉनटेक्स ग्रुप नामक एक रेडीमेड कपड़ा कंपनी को गलत तरीके से कर्ज दिलवाने में मदद की थी और जनता बैंक से 2.97 अरब टका (लगभग 225 करोड़ रुपए) का गबन किया था। देश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने बरकत के खिलाफ इस यह मामला दर्ज किया था और उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज बना कर नकली बिल्डिंग और फैक्ट्रियों के नाम पर लोन पास करवाए थे। साथ ही उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने ज्यादा लोने लेने के लिए खरीदी गई जमीन की कीमत को बहुत अधिक दिखाया था।
बरकत समेत 23 लोग आरोपी
इस मामले में बरकत समेत कुल 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अतीउर रहमान का नाम भी शामिल है। इन सभी आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने तीन दिन के रिमांड की मांग की थी। इस दौरान बचाव पक्ष ने जमानत की याचिका दायर की थी। हालांकि इन दोनों ही याचिकाओं पर कोर्ट ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। फैसला आने तक बरकत को जेल भेजने के आदेश दिए गए है।
बिना गिरफ्तारी वारंट के लिया हिरासत में
मीडिया से बातचीत के दौरान बरकती की बेटी अरुणी बरकत ने यह खुलासा किया है कि, उनके पिता को बिना गिरफ्तारी वारंट के हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा, रात में 20-25 लोग हमारे घर में घूस आए और वह खुद को पुलिस वाले बता रहे थे। उन्होंने कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया बल्कि वह सीधे पिता के कमरे में घूसे और उन्हें अपने साथ ले गए। अरुणी ने बताया कि, उनके पिता या उनके परिवार को इस मामले के बारे में कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गई थी। उन्हें तो यह भी नहीं बताया गया था कि बरकत को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने आगे कहा, मेरे पिता ने 40 सालों तक ढाका यूनिवर्सिटी में पढ़ाया है वह हमेशा से समाज के कमजोर वर्ग के लिए काम करते रहे है। उन्हें इस तरह बिना जांच के गिरफ्तार किए जाना गलत है।