मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की क्या है चिंताएं?
CM Chandrababu Naidu worries about birth rate fall: आंध्र प्रदेश की सत्ता में काबिज होने के बाद तेलगु देशम पार्टी के प्रमुख व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू लगातार जन्मदर को लेकर चिंता जता रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या के कारण आगामी परिसीमन में दक्षिण भारत का हिस्सा घटेगा। इसका दक्षिण भारतीय राज्यों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उनके इस बयान के बाद दक्षिण भारत के नेताओं ने जन्म दर पर कई बयान दिए। अब चंद्रबाबू नायडू ने अपने राज्य में जन्मदर बढ़ाने को लेकर पॉलिसी पर काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि, वह ऐसा करने वाले पहले नेता नहीं है। दुनिया भर में कई देश घटते जन्मदर को लेकर चिंतित हैं। जापान, चीन और रूस की सरकारें जन्म दर बढ़ाने को लेकर कई नीतियां चला रही हैं।परिसीमन के बाद दक्षिण भारत के सासंदों की संख्या घटेगी
आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि आगामी परिसीमन के बाद दक्षिण भारत का संसद में कम जनसंख्या होने के कारण प्रतिनिधित्व घट जाएगा। इससे पूरे इलाके पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।घटती जनसंख्या आर्थिक विकास के वृद्धि में बाधक
World population Day: विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 2025 के अवसर पर अमरावती शिखर सम्मेलन में सीएम नायडू ने कहा कि हम जल्द ही जनसंख्या वृद्धि पर ठोस नीति पर काम शुरू करेंगे। जनसंख्या हमारा सबसे मजबूत आर्थिक संसाधन है। दुनिया तेजी से बड़ी आबादी वाले देशों पर निर्भर हो रही है। नायडू ने कहा कि भविष्य में मानव संसाधन संकट से बचने के लिए, राज्य में प्रजनन दर में वृद्धि आवश्यक है। संयुक्त परिवार लुप्त हो रहे हैं। मुख्यमंत्री नायडू ने चिंता जताते हुए कहा कि घटती जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न करेगी।सरकार देगी प्रतिमाह 50 किलो चावल
सीएम नायडू ने कहा कि कॉस्ट ऑफ लिविंग बढ़ा है इसलिए हमारी योजना है कि दंपत्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए हम PDS के तहत परिवार को प्रतिमाह 25 किलोग्राम चावल की जगह 50 किलोग्राम चावल देने पर विचार कर रहे हैं। महिला सरकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी कार्यालयों में बाल देखभाल केंद्र स्थापित करने पर नीति बना रहे हैं।CM स्टालिन ने भी की बच्चे पैदा करने की अपील
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने भी राज्य के लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए आग्रह किया है। उन्होंने कहा था कि परिसीमन के बाद अधिक सांसद पाने के लिए अधिक जनसंख्या एक मानदंड है।Birth Rate Ratio: बिहार में सबसे अधिक है जन्मदर
आजादी के बाद 1950 में भारत में प्रजनन दर (प्रति महिला जन्म दर) 6.2 थी जो 2021 में घटकर 2 फीसदी से भी कम पर पहुंच गई। बिहार में यह दर 3.0, मेघालय में 2.9, उत्तर प्रदेश में 2.4, झारखंड में 2.3, मणिपुर में 2.2, तमिलनाडु में 1.8, तेलंगाना में 1.8, केरल में 1.8, कर्नाटक में 1.7 और आंध्र प्रदेश में 1.7 है। जनसंख्या संतुलन बनाए रखने के लिए 2.1 की दर आवश्यक है।
दुनिया में जन्मदर बढ़ाने को लेकर क्या दिए जा रहे हैं प्रलोभन?
रूस-यूक्रेन युद्ध में लाखों रूसी नागरिक मारे गए हैं। वहां युद्ध के पहले से ही घटती जन्मदर को लेकर सरकार चिंतित थी। अब पुतिन प्रशासन ने जन्मदर बढ़ाने के लिए रूस के कुछ भागों में गर्भवती होने वाली स्कूली छात्राओं को बच्चों को जन्म देने और उनके पालन-पोषण के लिए 100,000 रूबल से अधिक का भुगतान करने का फैसला लिया है।Tata ग्रुप और CM ममता बनर्जी के बीच जमी बर्फ 17 साल बाद पिघली, सिंगूर से टाटा Nano को खदेड़ा था, अब स्वागत की तैयारी!
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए 5000 डॉलर भुगतान करने का प्रस्ताव दे रहे हैं। हंगरी में पीएम विक्टर ओर्बन की सरकार तीन या अधिक बच्चों वाले परिवारों को कर में छूट और सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन दे रही है। पोलैंड में दो या अधिक बच्चों वाले परिवारों को प्रति बच्चे 101 यूरो का मासिक भुगतान किया जाता है। चीन में वन चाइल्ड चाइल्ड पॉलिसी खत्म कर दी गई है। जापान में सरकार बर्थ रेट बढ़ाने के लिए तीन दिन की छुट्टी दे रही है। यह भी पढ़ें: Water Crisis: पानी की लड़ाई सिर्फ भारत-पाकिस्तान के बीच ही नहीं, दुनिया के इन मुल्कों में भी संघर्ष जारी