कर्नाटक के हुब्बल्ली जिले के धारवाड़ रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास अमृत स्टेशन योजना के तहत किया गया है। यह स्टेशन धारवाड़ की शैक्षणिक और सांस्कृतिक पहचान को सशक्त बनाता है, क्योंकि यहां कर्नाटक विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालयों के नुग्गिकेरी हनुमान मंदिर, मुरुघा मठ, उन्कल झील स्थित है। जबकि अहमदाबाद स्टेशन मोढेरा सूर्य मंदिर, द्वारका स्टेशन द्वारकाधीश मंदिर, ओडिशा के बालेश्वर स्टेशन को भगवान जगन्नाथ मंदिर और गुरुग्राम स्टेशन आईटी थीम, की थीम पर डिजाइन किया गया है। जबकि तमिलनाडु के कुंभकोणम स्टेशन पर चोल वास्तुकला का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
सिवनी: मोगली की कहानी कहता स्टेशन
मध्यप्रदेश का सिवनी रेलवे स्टेशन रुडयार्ड किपलिंग की कालजयी रचना ‘दि जंगल बुक’ के प्रसिद्ध पात्र मोगली को समर्पित है। कहानी के अनुसार मोगली का संबंध सिवनी क्षेत्र से था, जहां वह भेडिय़ों के बीच पला-बढ़ा। कहानी की याद में रेलवे स्टेशन में मोगली के अलावा शेर खान, बघीरा, बालू और अकेला की छवियां दर्शाई गई हैं। सिवनी स्टेशन की थीम मोगली की दुनिया को जीवंत करती है। यह भी पढें-
Explainer: क्या है सीपेक? अफगानिस्तान की एंट्री से भारत के सामने है ये तीन चुनौतियां देशनोक स्टेशन: दिख रही करणी माता मंदिर की झलक
देशनोक स्टेशन के वास्तु में करणी माता मंदिर की झलक मिल रही है। जबकि बूंदी के स्टेशन में वहां की चित्रकला और किले की झलक दिख रही है। फतेहपुर शेखावाटी के स्टेशन परिसर में अब वहां की शेखावाटी शैली की चित्रकारी और स्थापत्य कला की झलक दिखाई दे रही है। गोगामेड़ी, गोविंदगढ़, मण्डावर-महुवा रोड और माण्डल-गढ़ जैसे स्टेशनों में भी स्थानीय कल्चर का ध्यान रखा गया है।
यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान
अमृत स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है। इसके तहत मॉर्डन टायलेट, पार्किंग, पोर्च, कोच पोजीशन डिस्प्ले बोर्ड, जल बूथ, साइन बोर्ड, प्लेटफॉर्म शेल्टर्स आदि शामिल हैं। प्रवेश एवं निकास को सुव्यवस्थित बनाते हुए अलग-अलग गेट की व्यवस्था की गई है। जरूरत के अनुसार लिफ्ट, एस्केलेटर और मुफ्त वाई-फ़ाई जैसी सुविधाएं भी जोड़ी जा रही है। बेहतर संकेत और सूचना प्रणाली भी होगी। कुछ स्टेशनों में एग्जीक्यूटिव लाउंज और बिजनेस मीटिंग के लिए विशेष स्थान होंगे। दिव्यांगजनों के लिए स्टेशनों को अनुकूल बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।