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बैठकों का घटनाक्रम (Chronology of Meetings):
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक (23 अप्रैल):प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को नई दिल्ली में CCS की एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला लिया गया, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी-वाघा सीमा चौकी को बंद करना शामिल था।
CCS की बैठक के बाद उसी रात विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े फैसलों की घोषणा की। नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। भारत ने भी इस्लामाबाद में अपने हाई कमीशन से अपने रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया। दोनों देशों के हाई कमीशन में अधिकारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया गया।
24 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम हमले और सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस दौरान राष्ट्रपति को भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और कूटनीतिक कदमों के बारे में विस्तार से बताया गया।
24 अप्रैल की शाम को केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस बैठक में अमित शाह भी मौजूद थे। बैठक में पहलगाम हमले पर चर्चा हुई और सभी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार के फैसलों का समर्थन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने भी बैठक में हिस्सा लिया और सरकार के कदमों की सराहना की, हालांकि सुरक्षा चूक पर सवाल भी उठाए गए।