बेघर आकाश की दुखद कहानी
आकाश, एक चाय विक्रेता का बेटा, केवल 13 साल का था। X पर मौजूद पोस्ट के अनुसार, 15 दिन पहले उसके परिवार को मकान मालिक ने घर से बेदखल कर दिया था। इसके बाद, आकाश और उसका परिवार मेडिकल हॉस्टल के बाहर फुटपाथ पर रहने को मजबूर था, जहां आकाश का पिता चाय की दुकान चलाता था। हादसे के दौरान, आकाश फुटपाथ पर सो रहा था, जब विमान का मलबा उस पर गिरा। खबरों के मुताबिक, दुर्घटना के दौरान उत्पन्न 700 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में आकाश जलकर खाक हो गया। हादसे का भयावह मंजर
हादसा इतना भयानक था कि विमान के टकराने से मेडिकल हॉस्टल की इमारत में आग लग गई, और घने काले धुएं ने बचाव कार्यों को और जटिल कर दिया। हादसे में कुल 274 लोगों की
मौत हुई, जिनमें विमान में सवार यात्री और जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे। मरने वालों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक थे।
पायलट का आखिरी संदेश
विमान के पायलट ने हादसे से कुछ सेकंड पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को “थ्रस्ट नॉट अचीव्ड”, “फॉलिंग” और “मेडे! मेडे! मेडे!” जैसे संदेश भेजे थे। ये संदेश हादसे की गंभीरता को दर्शाते हैं। प्रारंभिक जांच में ईंधन संदूषण और पक्षी से टकराने की संभावना को कारणों में शामिल किया गया है, लेकिन ब्लैक बॉक्स के डेटा का विश्लेषण अभी जारी है।
बचाव और जांच
हादसे के बाद, गुजरात सरकार ने शवों की पहचान के लिए डीएनए (DNA) टेस्टिंग शुरू की। अब तक 32 शवों की पहचान हो चुकी है, और 12 शव उनके परिजनों को सौंपे गए हैं। घायलों में 13 लोग अभी भी अस्पताल में इलाजरत हैं। हादसे की जांच के लिए विमानन दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने कई उच्च-स्तरीय टीमें गठित की हैं, जो ब्लैक बॉक्स और अन्य सबूतों का विश्लेषण कर रही हैं।
मुआवजे की घोषणा
एयर इंडिया ने मृतकों के परिजनों के लिए 25 लाख रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की घोषणा की है, जो टाटा संस द्वारा पहले घोषित 1 करोड़ रुपये की सहायता के अतिरिक्त है।