टकराव भरा रहा उपराज्यपाल और केजरीवाल का रिश्ता
दरअसल, आम आदमी पार्टी की सरकार के समय दिल्ली में रहे तीनों उपराज्यपालों और केजरीवाल का रिश्ता हमेशा ही उतार-चढ़ाव भरा रहा। साल 2022 में वी.के. सक्सेना के उपराज्यपाल का पद संभालने के बाद तो दोनों पदों के बीच की यह टकराव और ज्यादा बढ़ गई। केजरीवाल का आरोप है कि सक्सेना ने जानबूझ कर उनकी सरकार के कामों को रोका, जबकि उपराज्यपाल ने आप सरकार पर निष्क्रियता, उदासीनता और शासन मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
बीजेपी पर साधा निशाना
मोहाली के कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के पूर्व सीएम ने वर्तमान में दिल्ली की सत्ता संभाल रही भारतीय जनता पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा के सिर्फ चार महीनों के कार्यकाल में दिल्ली पूरी तरह बरबाद हो गई है। उन्होंने कहा, हमारे सरकरा छोड़ने के तीन चार महीनों में लोग हमें याद करने लगे। बीजेपी ने बहुत कम समय में सब बरबाद कर दिया है।
दिल्ली में एक एक कर के सब बंद हो रहा
उन्होंने कहा कि, एक-एक करके दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बंद हो रहे हैं, अस्पतालों में मुफ्त दवाएं और जांच बंद हो रही है, दिल्ली की सड़कें टूटी हुई हैं, पूरे शहर में गंदगी फैली है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में 50 डिग्री पारा होने पर भी बिजली कटौती नहीं होती थी लेकिन अब मानसून के बावजूद भी बिजली कट रही है। उन्होंने आगे कहा, ऐसे में मेरे कार्यकाल के समय रहे उपराज्यपालों के बावजूद इतना काम कराने के लिए मुझे नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।
भाजपा नेता ने किया पलटवार
केजरीवाल के नोबेल पुरस्कार की मांग पर पलटवार करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि उन्हें अक्षमता, अराजकता और भ्रष्टाचार के लिए पुरस्कार दिया जाना चाहिए। सचदेवा ने कहा, केजरीवाल के कई घोटाले हैं जो एक से बढ़कर एक हैं और ऐसे कामों के लिए पुरस्कार नहीं जेल मिलती है।