क्या है पूरा मामला
बता दें कि 25 जनवरी 1994 को RSS कार्यकर्ता सदानंदन मास्टर पर माकपा कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। इस हमले में सदानंदन मास्टर ने अपने दोनों पैर गवां दिए थे। दरअसल, सदानंदन मास्टर कन्नूर जिले में RSS के सह-कार्यवाह के रूप में कार्यरत थे, तब उन पर हमला हुआ था।
7 साल की सजा सुनाई गई
इस मामले में कोर्ट ने आरोपी माकपा कार्यकर्ताओं को 7 साल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें कन्नूर केंद्रीय कारागार में ले जाया जाएगा। बता दें कि सदानंदन मास्टर पर हमला करने के मामले में कन्नूर की कोर्ट ने माकपा कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराने के बाद आरोपियों ने हाई कोर्ट का रूख किया था। हाई कोर्ट ने भी माकपा कार्यकर्ताओं की सजा को बरकरार रखा।
हाई कोर्ट ने क्या कहा
हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपी उनके द्वारा किए गए प्रत्यक्ष कृत्यों के मद्देनज़र किसी भी प्रकार की रियायत के पात्र नहीं हैं। हाई कोर्ट ने माकपा कार्यकर्ताओं को दोषी बरकरार रखते हुए कहा था कि यह हमला आवेश में या अचानक उकसावे में नहीं हुई थी। अदालत ने मुआवज़े की राशि भी बढ़ा दी और प्रत्येक को 50,000 रुपये देने का आदेश दिया।
SC ने याचिका की खारिज
इसके बाद आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद, हाई कोर्ट ने उनकी ज़मानत रद्द कर दी और उन्हें 4 अगस्त तक निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।