ऐतिहासिक किले के अर्नाला के नाम पर रखा गया है
Indigenous warship Arnala: 18 जून को कमीशन होने वाले ASW-SWC का नाम महाराष्ट्र के वाशी जिले स्थित ऐतिहासिक किले अर्नाला के नाम पर रखा गया है। इसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स कोलकाता व लार्सन एंड टर्बो शिपबिल्डर्स ने पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनर्शिप (PPP) मॉडल के तहत बनाया है। यह वॉरशिप पूरी तरह से स्वदेशी है। यह एंटी सबमरिन मिशन, भूमिगत निगरानी, खोज एवं बचाव मिशन और कम तीव्रता वाले समुद्री कार्य करने में सक्षम है। नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि 77.6 मीटर लंबाई और 14900 ग्रॉस टन वजनी अर्नाला डीजल इंजन वाटरजेट कॉम्बिनेशन से चलने वाला सबसे बड़ा भारतीय नौसेनिक युद्धपोत है।
तलवार श्रेणी का स्टील्थ फ्रिगेट महीने के अंत तक होगा शामिल
भारत-रूस (2016) समझौते के तहत तलवार श्रेणी का दूसरा स्टील्थ फ्रिगेट, INS तमाल इस महीने के अंत तक भारतीय नौसेना के बेड़े में कमीशन हो जाएगा। तमाल रूस के साथ 2.5 बिलियन डॉलर के सौदे में हासिल किए गए चार फ्रिगेट में से एक है। जिसमें दो का निर्माण रूस में किया गया था और दो का निर्माण रूसी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में किया गया। INS तुशील दिसंबर 2024 में रूस के यंतर शिपयार्ड में कमीशन किया गया और फरवरी 2025 में भारत पहुंचा।
युद्धपोत निर्माण में पूरी तरह आत्मनिर्भर के बनने के करीब
वहीं, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन डायविंग सपोर्ट शिप और मझगांव डॉक शिपबिल्डिर्स लिमिटेड और GRSE द्वारा ज्वाइंट वेंचर के तहत बनाए जा रहे 17A नीलगिरि क्लास फ्रिगेट को भी जल्द ही शामिल किया जाएगा। नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि साल 2025 के अंत तक एक अन्य नीलगिरी क्लास फ्रिगेट भी चालू किया जा सकता है। साथ ही, GRSE का एक सर्वेक्षण पोत भी जल्द नौसेनिक बेडे़ में शामिल किया जाएगा। भारत युद्धपोत निर्माण में पूरी तरह आत्मनिर्भर के बनने के करीब है। अधिकारी ने कहा कि टेक्नोलॉजी में प्रगति, मेड इन इंडिया के प्रयासों और नौसेन की IDDM (स्वदेशी डिजाइन, डेवलप और मेड) कोशिश के कारण नए जहाजों के कमीशन होने का समय काफी घट गया है। बताया जा रहा है कि साल 2035 तक कुल 175 वॉरशिप भारतीय नौसेना में कमीशन हो जाएगा।
INS वाग्शीर को जनवरी 2025 में कमीशन
वहीं, प्रोजेक्ट 75 के तहत छठी कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी INS वाग्शीर को जनवरी 2025 में कमीशन किया गया था। यह डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी तट के करीब गश्त करने की क्षमता प्रदान करती है। प्रोजेक्ट 75I के तहत 6 एडवांस अटैकिंग सबमरीन का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, नौसेना को एक महीने के भीतर अमेरिका से दो और MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर भी मिलने वाले हैं। भारतीय नौसेना द्वारा ऑर्डर किए गए 24 हेलीकॉप्टर में से अब तक 13 की डिलीवरी हो चुकी है।